कोलकाता, चार जून (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने यहां के एक प्रमुख अस्पताल से कोविड रोगियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली टोसिलिजुमैब दवाई के कथित तौर पर गायब होने की स्वतंत्र जांच के अनुरोध वाली एक जनहित याचिका को दायर करने की शुक्रवार को अनुमति दे दी।
कलकत्ता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (सीएमसीएच) के स्टोर से 10 लाख रुपये से अधिक मूल्य के कम से कम 26 इंजेक्शन ‘गायब’ हो गए थे।
याचिकाकर्ता, वकील तापस मैती ने जनहित याचिका दायर करने की अनुमति के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने कहा कि सोमवार को जनहित याचिका पर सुनवाई की जाएगी।
याचिकाकर्ता ने सरकारी अस्पताल के स्टोर से इंजेक्शन के कथित रूप से गायब होने के मामले की किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने का अनुरोध किया है।
राजकीय अस्पताल पहले ही इस मामले में जांच का आदेश दे चुका है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि स्वास्थ्य विभाग और सीएमसीएच मामले को देख रहे हैं।
हाल ही में एक अध्ययन में संकेत दिये गये थे कि गठिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली टोसिलिजुमैब कोविड-19 के गंभीर मरीजों के उपचार में उपयोगी साबित हो सकती है।
भाषा
अविनाश अनूप
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