अदालत ने गूगल विज्ञापन प्रोग्राम पर ‘की-वर्ड’ के रूप में ‘मेक माई ट्रिप’ के इस्तेमाल पर रोक लगाई |

अदालत ने गूगल विज्ञापन प्रोग्राम पर ‘की-वर्ड’ के रूप में ‘मेक माई ट्रिप’ के इस्तेमाल पर रोक लगाई

अदालत ने गूगल विज्ञापन प्रोग्राम पर ‘की-वर्ड’ के रूप में ‘मेक माई ट्रिप’ के इस्तेमाल पर रोक लगाई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:54 PM IST, Published Date : April 29, 2022/8:26 pm IST

नयी दिल्ली, 29 अप्रैल (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुकिंग डॉट कॉम और गूगल को सर्च ईंजन के ‘एड्स प्रोगाम’ (विज्ञापन प्रोग्राम) पर ‘मेक माई ट्रिप’ का एक ‘की-वर्ड’ के रूप में इस्तेमाल करने से रोक दिया है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि प्रतिस्पर्धियों और गूगल को अपने मौद्रिक लाभ के लिए अन्य कंपनी की प्रतिष्ठा से जुड़ी चीजों को भुनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने मेक माई ट्रिप (वादी) के वाद पर अपना अंतरिम आदेश जारी करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया उसका मानना है कि ‘मेक माई ट्रिप’ का गूगल एड्स प्रोगाम पर किसी प्रतिस्पर्धी द्वारा एक ‘की-वर्ड’ के रूप में इस्तेमाल ट्रेडमार्क उल्लंघन के समान होगा और यह वादी के मौद्रिक हितों और ब्रांड इक्विटी को नुकसान पहुंचाएगा।

की-वर्ड का इस्तेमाल इंटरनेट या सर्च इंजन पर उस शब्द से संबद्ध व्यापक चीजें आसानी से ढूंढने के लिए किया जाता है।

न्यायाधीश ने स्पष्ट किया कि यह रोक भारत तक सीमित रहेगी। उन्होंने कहा कि वादी अपने ट्रेडमार्क का निश्चित रूप से गूगल एड्स प्रोगाम पर एक ‘की-वर्ड’ के रूप में इस्तेमाल कर सकता है, बशर्ते कि वह सर्च इंजन पर खुद का प्रचार करना चाहे।

वादी ने अदालत में दलील दी कि गूगल सर्च बार में जब कभी ‘मेक माई ट्रिप’ सर्च किया जाता है तो सर्च के नतीजों में दिखने वाला अक्सर ही पहला विज्ञापन बुकिंग डॉट कॉम का होता है जो बड़े प्रतिस्पर्धियों में से एक है।

अदालत ने वाद पर प्रतिवादियों को समन जारी किया और उनका जवाब मांगा तथा मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई के लिए निर्धारित कर दी।

अदालत ने प्रतिवादियों को आदेश का अनुपालन करने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया है।

भाषा

सुभाष मनीषा

मनीषा

 

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