मोदी की तस्वीर, उपनाम का गलत इस्तेमाल करने को लेकर दर्ज प्राथमिकी रद्द करने से अदालत का इनकार |

मोदी की तस्वीर, उपनाम का गलत इस्तेमाल करने को लेकर दर्ज प्राथमिकी रद्द करने से अदालत का इनकार

मोदी की तस्वीर, उपनाम का गलत इस्तेमाल करने को लेकर दर्ज प्राथमिकी रद्द करने से अदालत का इनकार

:   Modified Date:  April 16, 2024 / 05:47 PM IST, Published Date : April 16, 2024/5:47 pm IST

नयी दिल्ली, 16 अप्रैल (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने उस व्यक्ति के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने से इनकार कर दिया है, जिस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर और उनके उपनाम का इस्तेमाल कर अपने गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) को चंदा देने के लिए लोगों को प्रेरित करने का आरोप है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि प्राथमिकी से संज्ञेय अपराध का पता चलता है और सभी पहलुओं की जांच करना पुलिस का सांविधिक अधिकार एवं कर्तव्य है।

अदालत ने कहा कि जांच अहम चरण में है और अदालत दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 482 के तहत प्राप्त शक्तियों का उपयोग करते हुए जांच नहीं रोकेगी।

उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘ये आरोप लगाये गए हैं कि याचिकाकर्ता भारत के प्रधानमंत्री के उपनाम का इस्तेमाल कर चंदा एकत्र कर रहा है। माननीय प्रधानमंत्री की तस्वीर का भी इस्तेमाल किया गया, जबकि असल में याचिकाकर्ता का उपनाम ‘मोदी’ नहीं है।’’

न्यायमूर्ति अमित महाजन ने पिछले महीने पारित एक आदेश में कहा, ‘‘ माननीय प्रधानमंत्री की तस्वीर के साथ यूट्यूब और अन्य राष्ट्रीय समाचार चैनलों पर विज्ञापनों को प्रसारण किया गया। इसलिए, ये आरोप हैं कि याचिकाकर्ता चंदा के रूप में संपत्ति देने के लिए लोगों को प्रेरित कर रहा था। इस तरह, प्राथमिकी संज्ञेय अपराध को लेकर है।’’

उच्च न्यायालय ने कहा कि जब आरोप संज्ञेय अपराध से जुड़े होते हैं, तो अदालत को शुरूआती दौर में इस बारे में विचार करने की जरूरत नहीं होती कि आरोप संज्ञेय अपराध को लेकर है या नहीं और अदालत को जांच एजेंसी को जांच की अनुमति देनी होती है।

अदालत ने कहा कि यह प्राथमिकी रद्द करने के लिए उपयुक्त मामला नहीं है।

धोखाधड़ी और संपत्ति देने के लिए प्रेरित करने के कथित अपराधों को लेकर पवन पांडे नामक एक व्यक्ति के खिलाफ दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने भारतीय दंड संहिता की संबद्ध धाराओं के तहत सितंबर 2023 में एक प्राथमिकी दर्ज की थी।

गृह मंत्रालय के उप सचिव की एक शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। शिकायत में आरोप लगाया था कि पांडे, ‘मोदी चैरिटेबल ट्रस्ट’ नाम से एक एनजीओ संचालित कर रहा है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम का गलत इस्तेमाल कर रहा है।

यह आरोप लगाया गया कि व्यक्ति (पांडे) लोगों से ठगी करने के लिए समाचार चैनलों पर अपनी तस्वीर के साथ प्रधानमंत्री की तस्वीर का इस्तेमाल कर रहा है।

पांडे को नौ फरवरी को गिरफ्तार किया गया। अदालत ने उसे 26 फरवरी को जमानत दे दी।

उसने यह दलील देते हुए प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया कि ‘मोदी चैरिटेबल ट्रस्ट’ विभिन्न सामाजिक उद्देश्यों को लेकर पंजीकृत है और शिकायत किसी अपराध का खुलासा नहीं करती।

अभियोजन ने उसकी याचिका का विरोध करते हुए कहा कि व्यक्ति ने प्रधानमंत्री के नाम से एनजीओ संचालित कर लोगों से धोखाधड़ी की। इसने यह भी दलील दी कि उसका उपनाम ‘पांडे’ किसी भी तरह से ‘मोदी’ उपनाम से जुड़ा हुआ नहीं हैं।

भाषा सुभाष अविनाश

अविनाश

 

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