वन्नियार आरक्षण संबंधी आदेश के खिलाफ अपील बड़ी पीठ को सौंपने से न्यायालय का इनकार |

वन्नियार आरक्षण संबंधी आदेश के खिलाफ अपील बड़ी पीठ को सौंपने से न्यायालय का इनकार

वन्नियार आरक्षण संबंधी आदेश के खिलाफ अपील बड़ी पीठ को सौंपने से न्यायालय का इनकार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:30 PM IST, Published Date : February 16, 2022/3:10 pm IST

नयी दिल्ली, 16 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मद्रास उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ विभिन्न अपीलों को एक बड़ी पीठ को सौंपने से इनकार कर दिया जिसमें तमिलनाडु में सबसे पिछड़े समुदायों (एमबीसी) में से एक वन्नियार को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले के लिए दिए गए 10.5 प्रतिशत आरक्षण को रद्द कर दिया था।

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने कहा कि उसने सौंपे गए निर्णयों पर गौर किया है और उसका मानना है कि इस मुद्दे पर किसी बड़ी पीठ द्वारा विचार करने की आवश्यकता नहीं है। पीठ ने कहा, ‘‘हम मामले को किसी बड़ी पीठ के पास भेजने की दलील के पक्ष में नहीं हैं, आप अपनी दलीलें शुरू कर सकते हैं।’’

इससे पहले मंगलवार को, सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि वह मामले के गुण-दोष पर विचार किए बिना मामले को बड़ी पीठ को सौंपने के मुद्दे पर पहले फैसला करेगी।

तमिलनाडु की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मंगलवार को कहा था कि इस मामले में संवैधानिक मुद्दे भी जुड़े हैं और इस पर किसी बड़ी पीठ द्वारा विचार किए जाने की जरूरत है।

सर्वोच्च न्यायालय ने पहले दलीलों पर गौर करने के लिए सहमति जतायी थी और कहा था कि इस आरक्षण के तहत पहले से दिए गए प्रवेश या नियुक्तियों को बाधित नहीं किया जाएगा। न्यायालय ने आगे निर्देश दिया था कि मामले में सुनवाई की अगली तारीख 15 फरवरी तक राज्य सरकार की सेवाओं में कोई नयी नियुक्ति या या शैक्षणिक संस्थानों में नया प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए।

न्यायालय तमिलनाडु राज्य, पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) और अन्य द्वारा दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था जिसमें वन्नियार समुदाय को दिए गए आरक्षण को रद्द करने के उच्च न्यायालय के एक नवंबर, 2021 के फैसले को चुनौती दी गई है।

भाषा अविनाश मनीषा

मनीषा

 

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