न्यायालय का सीजीएसटी कानून के प्रावधान की व्याख्या के लिए याचिकाओं को अपने यहां स्थानांतरित करने से इनकार |

न्यायालय का सीजीएसटी कानून के प्रावधान की व्याख्या के लिए याचिकाओं को अपने यहां स्थानांतरित करने से इनकार

न्यायालय का सीजीएसटी कानून के प्रावधान की व्याख्या के लिए याचिकाओं को अपने यहां स्थानांतरित करने से इनकार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:01 PM IST, Published Date : September 20, 2021/8:21 pm IST

नयी दिल्ली, 20 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति के संबंध में किसी भी इनपुट टैक्स के क्रेडिट के हकदार से संबंधित केंद्रीय वस्तु और सेवा कर (सीजीएसटी) कानून के एक प्रावधान की व्याख्या पर कई उच्च न्यायालयों में लंबित याचिकाओं को अपने पास स्थानांतरित करने से इनकार कर दिया।

केंद्र की स्थानांतरण याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा, ‘‘पहले उच्च न्यायालय को इस मुद्दे पर फैसला करने दें। अगर आप फैसले से संतुष्ट नहीं हों तो हमारे पास आएं और हम सुनवाई करेंगे।’’ पीठ ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालयों में परस्पर विरोधी फैसले आते हैं तो आने दें, हमें उनकी राय का लाभ मिलेगा।’’

पीठ ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ से दो महीने के भीतर सीजीएसटी कानून की धारा 16 (2) की व्याख्या पर याचिका का निपटारा करने का अनुरोध किया।

केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस वी राजू ने पीठ से आग्रह किया कि इसी तरह के मामलों में अन्य उच्च न्यायालयों को परस्पर विरोधी फैसलों से बचने के लिए सुनवाई आगे नहीं बढ़ाने के लिए निर्देश दिए जाएं। शीर्ष अदालत ने विधि अधिकारियों से कहा कि वे अन्य उच्च न्यायालयों के समक्ष उसके आदेश के बारे में उल्लेख करें।

सुनवाई की शुरुआत में एएसजी ने एक मामले को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय से शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने का आग्रह करते हुए कहा कि कई उच्च न्यायालयों में इस तरह के लगभग 36 मामले लंबित हैं।

सीजीएसटी कानून की धारा 16 (2) में कहा गया है: ‘‘इस धारा में शामिल होने के बावजूद कोई भी पंजीकृत व्यक्ति वस्तु या सेवाओं या दोनों की आपूर्ति के संबंध में किसी भी इनपुट टैक्स के क्रेडिट का हकदार नहीं होगा, जब तक कि ..।’’ प्रावधान उन शर्तों को निर्धारित करता है जब कोई पंजीकृत व्यक्ति इनपुट टैक्स के क्रेडिट का हकदार हो जाता है।

केंद्र मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में मेसर्स कमिंस टेक्नोलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दाखिल एक याचिका स्थानांतरित करना चाहता था।

भाषा आशीष अनूप

अनूप

 

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