न्यायालय ने धनशोधन रोकथाम कानून न्यायाधिकरण में रिक्तियां भरने संबंधी याचिका पर केंद्र से मांगा जवाब

न्यायालय ने धनशोधन रोकथाम कानून न्यायाधिकरण में रिक्तियां भरने संबंधी याचिका पर केंद्र से मांगा जवाब

न्यायालय ने धनशोधन रोकथाम कानून न्यायाधिकरण में रिक्तियां भरने संबंधी याचिका पर केंद्र से मांगा जवाब
Modified Date: November 29, 2022 / 08:44 pm IST
Published Date: January 29, 2021 10:06 am IST

नयी दिल्ली, 29 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में धनशोधन रोकथाम कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एटीपीएमएलए) के अध्यक्ष, इसके सदस्यों एवं अन्य कर्मियों के रिक्त पदों पर भर्ती के निर्देश दिए जाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर केंद्र से शुक्रवार को जवाब मांगा।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने वरिष्ठ वकील महाबीर सिंह के अभिवेदन का संज्ञान लिया कि एटीपीएमएलए में विभिन्न पद 2019 से रिक्त हैं।

पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई सुनवाई के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्रालय को नोटिस जारी किए और चार सप्ताह में अपना जवाब देने को कहा।

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शीर्ष अदालत ने वकील अमित साहनी की जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान ये नोटिस जारी किए।

याचिका में केंद्र को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह राष्ट्रीय राजधानी में एटीपीएमएलए के अध्यक्ष, सदस्य और अन्य पदों को भरे।

याचिका में कहा गया कि अगस्त 2019 में मीडिया में आई खबरों से ऐसा लग रहा था कि सेवानिवृत्त होने के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सुनील गौड़ न्यायाधिकरण के अध्यक्ष नियुक्त किये जाएंगे। यह न्यायाधिकरण धन शोधन समेत विभिन्न कानूनों के तहत आर्थिक अपराध संबंधी मामलों को देखता है।

इसमें कहा गया कि न्यायमूर्ति मनमोहन सिंह का कार्यकाल सितंबर 2019 में पूरा होने के बाद न्यायमूर्ति गौड़ को उनकी जगह लेनी थी, “लेकिन इस कथित नियुक्ति को बाद में अधिसूचित नहीं किया गया और अध्यक्ष का पद तबसे खाली ही है।”

यह याचिका में सूचना के अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के जरिये मिले जवाब का भी जिक्र है जिसमें कहा गया कि न्यायाधिकरण में कर्मचारियों की काफी कमी है और इससे यहां का कामकाज भी प्रभावित हो रहा है।

याचिका में कहा गया कि अदालत कई मामलों में कह चुकी है कि “न्याय में विलंब न्याय से वंचित रखने” सरीखा है लेकिन अध्यक्ष और चार सदस्यों की स्वीकृत संख्या में से तीन पद रिक्त होने तथा प्रशासनिक कर्मचारियों की गंभीर कमी की वजह से नयी दिल्ली स्थित एटीपीएमएलए न्याय देने में संघर्ष कर रहा है।

भाषा

सिम्मी पवनेश

पवनेश


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