नयी दिल्ली, 22 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने देश में नफरती भाषओं और अफवाहबाजी से संबंधित एक याचिका पर शुक्रवार को केंद्र सरकार से जवाब मांगा। याचिका में केंद्र को इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय कानूनों की समीक्षा करने और ”प्रभावी व कड़े कदम” उठाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
न्यायमूर्ति ए.एम. खनविलकर और न्यायमूर्ति अभय एस. ओका की पीठ ने सॉलिसिटर तुषार मेहता को मामले की समीक्षा करने और संबंधित प्राधिकारियों से विमर्श कर उचित जवाब दाखिल करने को कहा।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि शीर्ष अदालत ने एक मामले में कहा था कि विधि आयोग ने नफरत भरे भाषण को लोगों को चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराने का आधार माना है।
सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि याचिका की एक प्रति उनके साथ साझा की जा सकती है और वह इस पर गौर करेंगे।
जनहित याचिका में नफरती भाषणों और अफवाहों की बुराई से निपटने के मकसद से विधि आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए केंद्र को विधायी कदम उठाने का निर्देश देने की भी अपील की गई है।
वकील और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता अश्विनी उपाध्याय द्वारा अधिवक्ता अश्विनी दुबे के माध्यम से दाखिल याचिका में गृह मंत्रालय, कानून एवं न्याय मंत्रालय और भारत के विधि आयोग को पक्ष बनाया गया है।
भाषा जोहेब पवनेश
पवनेश
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