नयी दिल्ली,28 अप्रैल (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने कई अवैध डेयरी फार्म सील और बंद करने में निष्क्रियता बरतने का आरोप लगाने वाली एक याचिका पर दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) अधिकारियों और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को अपना रुख बताने को कहा है।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने एक अवमानना याचिका पर नोटिस जारी किया और उस याचिका पर प्रतिवादियों से स्थिति रिपोर्ट मांगी है। याचिका में दावा किया गया था कि अवैध डेयरी हटाने से जुड़े 2019 के न्यायिक आदेश की जानबूझ कर निरंतर अवज्ञा किये जाने ने एक पूर्ण सार्वजनिक अवरोधक पैदा किया है और जन स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है।
अदालत ने 24 अप्रैल को अपने आदेश में कहा, ‘‘नोटिस जारी किया जाए…पक्षकारों में दिल्ली पुलिस को भी शामिल किया जाए। सुनवाई की अगली तारीख से पहले स्थिति रिपोर्ट दाखिल की जाए।’’
याचिकाकर्ता सुनयना सिब्बल और अक्षिता कुकरेजा का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ कृपाल एवं अधिवक्ता आदित्य एन प्रसाद ने दलील दी कि सितंबर 2019 में उच्च न्यायालय ने दिल्ली में नगर निगमों को सभी अवैध डेयरी के खिलाफ कार्रवाई करने तथा उनकी बिजली, पानी आपूर्ति आदि सुविधाओं को बंद कर देने के लिए आवश्यक निर्देश दिया था।
हालांकि, जब याचिकाकर्ता पिछले साल दक्षिण दिल्ली में कोटला मुबारकपुर इलाके में गये तब उन्होंने पाया कि समूची डेयरी ही गैर लाइसेंसशुदा है और अधिकारियों को पत्र लिखा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
याचिका में कहा गया है कि बाबा बंदा सिंह बहादुर सेतु फ्लाईओवर के नीचे एक स्थान पर उक्त डेयरी अतिक्रमण कर बनाई गई थी।
विषय की अगली सुनवाई 13 मई के लिए निर्धारित की गई है।
भाषा
सुभाष पवनेश
पवनेश
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मां की ये कैसी ममता! अपने 4 बच्चों की ले…
6 hours agoट्रामाडोल की 20 हजार गोलियां बरामद, तीन गिरफ्तार
8 hours ago