नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि देश में कोविड-19 महामारी पर काबू पाने के लिये जारी दिशा निर्देशों और मानकों पर अमल करने में लापरवाही के कारण ही यह ‘जंगल की आग’ की तरह फैली है।
न्यायालय ने इसे कोविड-19 के खिलाफ विश्व युद्ध बताते हुये कहा कि अपत्याशित स्तर की इस महामारी से दुनिया में हर कोई किसी न किसी रूप में जुझ रहा है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने कहा कि कर्फ्यू लगाने या लाकडाउन लागू करने जैसे किसी भी निर्णय की घोषणा काफी पहले की जानी चाहिए ताकि लोग इसके और अपनी आजीविका के बारे में पहले से जान सकें।
पीठ ने कहा कि चिकित्सकों और नर्सो सहित पहली कतार के स्वास्थ्यकर्मी ‘आठ महीने से निरंतर काम करते करते शारीरिक और मानसिक रूप से थक गये हैं’ और अब उन्हें भी कुछ आराम देने का रास्ता खोजने की आवश्यकता है।
न्यायालय ने कहा कि प्रत्येक सरकार को इस महामारी के दौर में केन्द्र के साथ पूरे सौहार्दपूर्ण तरीके से चौकसी के साथ काम करना चाहिए।
पीठ ने कहा, ‘‘यह समय मौके को देखते हुये ऊपर उठने का है। दूसरी बातों में उलझने की बजाये नागरिकों का स्वास्थ और उनकी सुरक्षा पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।’’
शीर्ष अदालत ने कोविड-19 महामारी पर अंकुश पाने के लिये विस्तृत दिशानिर्देश और मानकों का पालन करने के लिये निर्देश जारी किये हैं।
भाषा अनूप
उमा
उमा
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
राजस्थान में 13 लोकसभा सीट पर शाम पांच बजे तक…
25 mins agoयहां कार ने ट्रक को पीछे से मारी टक्कर, सड़क…
18 mins ago10th Board Result 2024 Date: 2 मई को जारी होगा…
26 mins ago