भाजपा की ‘मुस्लिम विरोधी’ छवि बनाना एक दुष्प्रचार : सुरेश बोरा |

भाजपा की ‘मुस्लिम विरोधी’ छवि बनाना एक दुष्प्रचार : सुरेश बोरा

भाजपा की ‘मुस्लिम विरोधी’ छवि बनाना एक दुष्प्रचार : सुरेश बोरा

:   Modified Date:  April 25, 2024 / 05:25 PM IST, Published Date : April 25, 2024/5:25 pm IST

(त्रिदीप लहकर)

नगांव (असम), 25 अप्रैल (भाषा) असम की नगांव लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार सुरेश बोरा ने पार्टी की ‘मुस्लिम विरोधी’ छवि बनाने के प्रयासों को ‘‘झूठा प्रचार’’ बताया और दावा किया कि अल्पसंख्यक समुदाय के 50 प्रतिशत से अधिक मतदाता उन्हें वोट देंगे।

चुनाव से पहले कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए बोरा ने कहा कि भाजपा मुसलमानों सहित सभी समुदायों को साथ लेकर आगे बढ़ती है।

बोरा ने दावा किया कि ‘‘हर अल्पसंख्यक परिवार अब भाजपा में शामिल होना चाहता है और वे ऐसा कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम उनका स्वागत कर रहे हैं। नगांव में सभी हिंदुओं के अलावा 50 प्रतिशत से अधिक अल्पसंख्यक भाजपा को वोट देंगे। इसलिए, यह हमारे लिए आसान जीत होगी।’’

पिछले साल निर्वाचन आयोग द्वारा किये गये परिसीमन के बाद नगांव अब एक मुस्लिम-बहुल निर्वाचन क्षेत्र है।

नगांव में लगभग 58 प्रतिशत मतदाता मुस्लिम हैं, जबकि शेष 42 प्रतिशत हिंदू और अन्य समुदायों से हैं। आंकड़ों के अनुसार इस सीट पर 18.2 लाख मतदाताओं में से 10.5 लाख से अधिक मुस्लिम हैं। इस सीट पर 26 अप्रैल को दूसरे चरण में मतदान होगा।

बोरा ने यहां एक साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘किसने कहा कि भाजपा मुस्लिम विरोधी पार्टी है? पार्टी के शीर्ष नेता क्या कह रहे हैं, यह महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘सबका साथ, सबका विकास’ पर जोर दे रहे हैं। वह कह रहे हैं कि भारत इस देश के सभी 140 करोड़ लोगों के साथ प्रगति करेगा।’’

उन्होंने कहा कि भाजपा के मुस्लिम विरोधी पार्टी होने की धारणा विपक्ष द्वारा बनाया गया एक झूठा विमर्श है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अब लोग, विशेषकर अल्पसंख्यक इस बात को जानते हैं कि यह फर्जी प्रचार है और भाजपा उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगी। इन लोकसभा चुनावों में पार्टी मुस्लिम बहुल सीट जीतेगी।’’

बोरा ने कहा, ‘‘भाजपा में अनुशासन है और इसमें कुछ भी सांप्रदायिक नहीं है। हमारी पार्टी हिंदू, मुस्लिम और अन्य समुदाय के लोगों को साथ लेकर आगे बढ़ती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने पूरे निर्वाचन क्षेत्र में मैराथन बैठकें कीं। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने हर जगह कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और प्रत्येक बैठक में औसतन 30,000 से अधिक लोग शामिल हुए। ऐसी भीड़ प्रचार कार्यक्रमों में भी देखी गईं जहां राज्य के अन्य मंत्री मौजूद थे।’’

जीत के अंतर की उम्मीद के बारे में पूछे जाने पर भाजपा उम्मीदवार ने कहा, ‘‘सब कुछ मतदाताओं पर निर्भर करता है। मैं इसके बारे में बात नहीं कर सकता लेकिन मैं कड़ी मेहनत कर रहा हूं। मुझे विश्वास है कि नगांव के मतदाता मेरे लिए वोट करेंगे और मुझे विजयी बनाएंगे।’’

बोरा लगभग चार महीने पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। उनका सीधा मुकाबला कांग्रेस के मौजूदा सांसद प्रद्युत बोरदोलोई से होगा।

बोरदोलोई ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के रूपक शर्मा को हराकर 16,752 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी।

बोरा ने कहा, ‘‘भाजपा ने पहले लगातार चार बार सीट जीती थी। परिसीमन के बाद, नगांव निर्वाचन क्षेत्र के तहत विधानसभा क्षेत्र बदल गए हैं और तीन नई विधानसभा सीट शामिल की गई हैं।’’

उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के मौजूदा सांसद को इस आधार पर ‘‘सत्ता विरोधी लहर’’ का सामना करना पड़ रहा है कि वह ‘‘कोविड-19 महामारी के दौरान क्षेत्र में उपलब्ध नहीं थे’’ और वह ‘‘हर साल नगांव में बाढ़ आने पर भी लोगों की मदद के वास्ते नहीं पहुंचते।’’

जब उनसे पूछा गया कि वह लोगों से वोट मांगते समय उनके समक्ष कौन से मुद्दे रख रहे हैं, बोरा ने कहा, ‘‘पहले बहुत सारे मुद्दे थे लेकिन मोदी के सत्ता में आने के बाद जनता की शिकायतों का समाधान किया गया। लोग कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखना चाहते हैं, जिन्हें भाजपा चुनाव जीतने के बाद भी जारी रखेगी।’’

उन्होंने हालांकि इस बात पर सहमति व्यक्त की कि नगांव में बेरोजगारी अभी भी एक समस्या है, लेकिन उन्होंने कहा कि असम सरकार ने मई 2021 से एक लाख नौकरियां दी हैं और मुख्यमंत्री ने हाल में 50,000 अतिरिक्त नौकरियों की घोषणा की है।

बोरा पहले यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के साथ थे और बाद में उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया था। वह कांग्रेस की नगांव जिला इकाई के अध्यक्ष भी रहे।

भाषा

देवेंद्र नरेश

नरेश

 

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