नयी दिल्ली, 25 जून (भाषा) आपातकाल की 46वीं बरसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि उन ‘‘काले दिनों’’ को कभी नहीं भूला जा सकता जब संस्थानों को सुनियोजित तरीके से ध्वस्त कर दिया गया था।
उन्होंने देशवासियों से भारत की लोकतांत्रिक भावना को मजबूत करने के लिए हरसंभव प्रयास करने और संवैधानिक मूल्यों का पालन करने का प्रण लेने को कहा।
उल्लेखनीय है कि देश में 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 के बीच 21 महीने की अवधि तक आपातकाल लागू किया गया था। इंदिरा गांधी उस समय देश की प्रधानमंत्री थीं।
मोदी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘‘आपातकाल के काले दिनों को कभी नहीं भूला जा सकता। वर्ष 1975 से 1977 की अवधि ने देखा कि कैसे संस्थानों को सुनियोजित तरीके से ध्वस्त कर दिया गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आइए, हम सब भारत की लोकतांत्रिक भावना को मजबूत करने और संविधान में प्रदत्त मूल्यों के अनुरूप जीने का प्रण लें।’’
भारतीय लोकतंत्र की रक्षा करने और आपातकाल का विरोध करने वालों को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने भाजपा की ओर से सोशल मीडिया के मंच इंस्टाग्राम पर जारी किए गए पोस्ट के एक लिंक को भी साझा किया जिसमें जिक्र किया गया है कि आपातकाल के दौर में भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद पर बनी फिल्मों, किशोर कुमार के गानों, महात्मा गांधी और रवींद्रनाथ टैगोर के उद्धरणों तक पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इस प्रकार से कांग्रेस ने हमारे लोकतंत्र को कुचल दिया था।’’
भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र मनीषा
मनीषा
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