‘मध्य लिंगी शिशुओं की लिंग निर्धारण सर्जरी से संबंधित मसौदा नीति पर ताजा रिपोर्ट दाखिल करे दिल्ली सरकार’ |

‘मध्य लिंगी शिशुओं की लिंग निर्धारण सर्जरी से संबंधित मसौदा नीति पर ताजा रिपोर्ट दाखिल करे दिल्ली सरकार’

‘मध्य लिंगी शिशुओं की लिंग निर्धारण सर्जरी से संबंधित मसौदा नीति पर ताजा रिपोर्ट दाखिल करे दिल्ली सरकार’

:   Modified Date:  September 13, 2023 / 05:15 PM IST, Published Date : September 13, 2023/5:15 pm IST

नयी दिल्ली, 13 सितंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी की सरकार को मध्य लिंगी (इंटरसेक्स) शिशुओं की लिंग निर्धारण सर्जरी से संबंधित मसौदा नीति की स्थिति के बारे में ताजा रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।

दिल्ली सरकार के वकील ने उच्च न्यायालय को सूचित किया कि इस तरह का मसौदा तैयार करने के लिए स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) ने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (एमएएमसी) के डीन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। इसके बाद अदालत ने यह आदेश पारित किया।

अदालत उच्च न्यायालय के 27 जुलाई, 2022 के आदेश का कथित रूप से अनुपालन न करने के लिए दिल्ली सरकार के खिलाफ अवमानना ​​कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उस आदेश में सरकार को लिंग निर्धारण सर्जरी के मुद्दे पर दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) द्वारा की गई सिफारिशों पर उचित निर्णय लेने के लिए आठ सप्ताह का समय दिया गया था।

न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने हालिया आदेश में कहा, “25 अगस्त, 2023 के पत्र को ध्यान में रखते हुए, मैं अवमानना नोटिस जारी करने का इच्छुक नहीं हूं। प्रतिवादी (दिल्ली सरकार) मसौदा नीति की स्थिति के बारे में अद्यतन स्थिति रिपोर्ट दाखिल करे। मामले की अगली सुनवाई आठ सप्ताह बाद होगी।”

मुख्य याचिका में, डीसीपीसीआर ने सिफारिश की थी कि दिल्ली सरकार को जानलेवा स्थितियों को छोड़कर मध्य लिंगी शिशुओं की चिकित्सकीय रूप से अनावश्यक लिंग निर्धारण सर्जरी पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा करनी चाहिए।

गैर-सरकारी वित्त पोषित ट्रस्ट ‘सृष्टि मदुरै एजुकेशनल रिसर्च फाउंडेशन’ द्वारा दायर जनहित याचिका में डीसीपीसीआर की सिफारिशों को लागू करने और ऐसी सर्जरी पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है।

अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि अदालत के निर्देशों के बावजूद प्रतिवादियों ने कोई कार्रवाई नहीं की।

भाषा जोहेब वैभव

वैभव

 

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