दिल्ली सरकार वाहनों से प्रदूषण कम करने के लिए 28 अक्टूबर से ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान चलाएगी |

दिल्ली सरकार वाहनों से प्रदूषण कम करने के लिए 28 अक्टूबर से ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान चलाएगी

दिल्ली सरकार वाहनों से प्रदूषण कम करने के लिए 28 अक्टूबर से ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान चलाएगी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:05 PM IST, Published Date : October 21, 2022/4:03 pm IST

नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली सरकार वाहनों से प्रदूषण को कम करने के लिए 28 अक्टूबर से ‘‘ रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’’ अभियान चलाएगी। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

इस अभियान को सबसे पहले 16 अक्टूबर 2020 को वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए शुरू किया गया था। इसके तहत वाहन चालकों को ट्रैफिक लाइट पर इंतजार करने के दौरान वाहन को बंद करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में राय ने कहा कि विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हवा की दिशा में बदलाव होता है तो दिवाली के बाद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ दिल्ली सरकार सतर्क है। हम वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के सभी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सर्दियों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 15 सूत्रीय कार्ययोजना की शुक्रवार को समीक्षा की।’’

पर्यावरण मंत्री ने कहा कि धूल और कचरा जलने के साथ-साथ वाहनों से होने वाले उत्सर्जन की हिस्सेदारी दिल्ली में स्थानीय स्तर पर होने वाले प्रदूषण में सबसे अधिक है।

राय ने कहा, ‘‘ इसलिए दिल्ली सरकार ने 28 अक्टूबर से एक महीने के लिए ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान शुरू करने का फैसला किया है।’’

उन्होंने बताया कि 100 अहम चौराहों पर अभियान के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए 2,500 नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को तैनात किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि प्रत्येक ट्रैफिक लाइट पर 10 स्वयंसयेवक दो पालियों में तैनात किए जाएंगे। राय के मुताबिक मुख्य जोर 10 बड़े चौराहों पर होगा जहां पर 20 स्वयंसेवकों की तैनाती की जाएगी।

पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ (पीसीआरए) के आंकड़ों के मुताबिक अगर लोग ट्रैफिक सिगनल पर वाहन को बंद कर दें तो प्रदूषण में 13 से 30 प्रतिशत तक कमी लाई जा सकती है।

सरकारी आकलन के मुताबिक दिल्ली में पीए-2.5 उत्सर्जन में 28 प्रतिशत हिस्सेदारी परिवहन क्षेत्र की है। दिल्ली के वातावरण में 80 प्रतिशत नाइट्रोजन ऑक्साइड और कार्बन मोनो डाई ऑक्साइड प्रदूषण वाहनों से होता है।

भाषा धीरज नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)