दिल्ली उच्च न्यायालय ने अनधिकृत पाए गए काली मंदिर को गिराने पर रोक संबंधी याचिका खारिज की |

दिल्ली उच्च न्यायालय ने अनधिकृत पाए गए काली मंदिर को गिराने पर रोक संबंधी याचिका खारिज की

दिल्ली उच्च न्यायालय ने अनधिकृत पाए गए काली मंदिर को गिराने पर रोक संबंधी याचिका खारिज की

:   Modified Date:  May 19, 2023 / 03:07 PM IST, Published Date : May 19, 2023/3:07 pm IST

नयी दिल्ली, 19 मई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने यहां मायापुरी चौक पर सुगम यातायात में बाधक बने 55 साल पुराने काली मंदिर को तोड़े जाने के मामले में एकल न्यायाधीश के फैसले को चुनौती देने वाली अपील शुक्रवार को खारिज कर दी।

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने मूर्तियों और अन्य धार्मिक वस्तुओं को मंदिर से अन्य मंदिरों में स्थानांतरित करने के लिए समय बढ़ाने से भी इनकार कर दिया। पीठ ने कहा, ‘‘अब और समय नहीं मिलेगा। खेद के साथ हम इसे खारिज कर रहे हैं।’’

पीठ ने मंदिर के पुजारी दुर्गा पी मिश्रा की अपील पर यह आदेश पारित किया, जिन्होंने एकल न्यायाधीश के 11 मई के आदेश को चुनौती दी थी।

मिश्रा ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा जारी 25 अप्रैल के नोटिस के साथ-साथ काली माता मंदिर को गिराने का निर्णय लेने वाली धार्मिक समिति की बैठक के फैसले को रद्द करने का भी अनुरोध किया था।

मिश्रा की ओर से पेश वकील सुनील फर्नांडिस ने दलील दी कि एकल न्यायाधीश ने समझदारी नहीं दिखाई और उन्हें उचित रूप से सुना नहीं गया। उन्होंने दलील दी, ‘‘उचित प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए था। एकल न्यायाधीश ने विवेक नहीं दिखाया। हम पिछले 55 सालों से वहां हैं। हम यातायात में बाधक नहीं हैं। हम केवल यह कह रहे हैं कि कृपया उचित जांच करें।’’

जब पीठ ने अपील को मंजूर करने की अनिच्छा प्रकट की तो वकील ने आग्रह किया कि उन्हें मंदिर से मूर्तियों और अन्य धार्मिक वस्तुओं को हटाने के लिए कम से कम एक महीने का समय दिया जाए। हालांकि, पीठ ने अनुरोध को ठुकरा दिया।

एकल न्यायाधीश ने 11 मई के अपने आदेश में पुजारी को मूर्तियों और अन्य धार्मिक वस्तुओं को मंदिर से अन्य मंदिरों में स्थानांतरित करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया था, जैसा कि इस मामले में धार्मिक समिति द्वारा निर्देश दिया गया था। न्यायाधीश ने कहा था कि पीडब्ल्यूडी 20 मई के बाद मंदिर को गिराने के लिए स्वतंत्र है।

एकल न्यायाधीश के आदेश में कहा गया था कि धार्मिक समिति की बैठक के फैसले के अनुसार, समिति इस निष्कर्ष पर पहुंची थी कि मंदिर का ढांचा अनधिकृत है और मुख्य सड़क पर स्थित है।

भाषा आशीष मनीषा अमित

अमित

 

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