अदालत परिसर में उन्नत कार्डियक लाइफ सपोर्ट प्रणाली स्थापित करने का दिल्ली सरकार को निर्देश |

अदालत परिसर में उन्नत कार्डियक लाइफ सपोर्ट प्रणाली स्थापित करने का दिल्ली सरकार को निर्देश

अदालत परिसर में उन्नत कार्डियक लाइफ सपोर्ट प्रणाली स्थापित करने का दिल्ली सरकार को निर्देश

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:59 PM IST, Published Date : September 23, 2022/6:30 pm IST

नयी दिल्ली, 23 सितम्बर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्थानीय सरकार को छह दिसंबर से पहले अदालत परिसर में उन्नत कार्डियक लाइफ सपोर्ट (एसीएलएस) सेवा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

अदालत ने दिल्ली सरकार से जिला अदालतों में या तो एसीएलएस एम्बुलेंस तैनात करने या इस सेवा के लिए पोर्टा केबिन बनाने की संभावना तलाशने को कहा।

न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय की चिकित्सा समिति को अदालत परिसर में एसीएलएस सेवाओं की स्थापना के लिए दो सप्ताह के भीतर जगह निर्धारित करने को कहा।

उच्च न्यायालय ने दिल्ली मेट्रो को भी छह सप्ताह के भीतर सभी प्रमुख इंटरचेंज स्टेशन पर एसीएलएस सेवाओं की स्थापना की संभाव्यता का पता लगाने और सुनवाई की अगली तारीख यानी छह दिसंबर से पहले इस संबंध में एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।

पीठ ने अपने 21 सितंबर के आदेश में कहा, ‘‘दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया जाता है कि सुनवाई की अगली तारीख से पहले दिल्ली उच्च न्यायालय परिसर में एसीएलएस सेवा स्थापित की जाये। जहां तक ​​​​जिला अदालतों का संबंध है, दिल्ली सरकार को या तो प्रत्येक जिला अदालत में एसीएलएस एम्बुलेंस तैनात करने या एसीएलएस सेवाओं के प्रावधान के लिए पोर्टा केबिन के निर्माण की अनुमति देने की संभावना का पता लगाने के लिए निर्देशित किया जाता है।’’

पीठ को समिति के एक सदस्य ने सूचित किया कि एसीएलएस सेवा स्थापित करने के लिए उच्च न्यायालय में जगह उपलब्ध है।

उच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लेते हुए 2018 में विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर बुनियादी लाइफ सपोर्ट प्रणाली की आवश्यकता से संबंधित एक जनहित याचिका की सुनवाई शुरू की थी।

इसने केंद्र, दिल्ली सरकार, रेलवे, डीएमआरसी और अदालतों के विभिन्न अधिकारियों के माध्यम से यह बताने के लिए कहा था कि उन्होंने बुनियादी कार्डियक लाइफ सपोर्ट (बीसीएलएस) और एसीएलएस देने वाले केंद्रों की स्थापना के लिए क्या कदम उठाये हैं।

अदालत ने पहले से उपलब्ध कराए गए बुनियादी ढांचे और नए केंद्रों में वे क्या प्रदान करने जा रहे हैं और ऐसे केंद्रों पर तैनात कर्मियों की संख्या और भविष्य के रोडमैप के बारे में भी पूछा था।

अदालत ने यह भी कहा था कि हलफनामे में उन व्यक्तियों को दिए गए प्रशिक्षण के बारे में भी बताएं जो केंद्रों पर तैनात होने जा रहे हैं और एम्बुलेंस की उपलब्धता के बारे में सूचित करें।

भाषा सुरेश नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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