शिक्षण संस्थानों का माहौल खराब नहीं होने दें, लड़कियों की शिक्षा सुनिश्चित करे सरकार: कांग्रेस |

शिक्षण संस्थानों का माहौल खराब नहीं होने दें, लड़कियों की शिक्षा सुनिश्चित करे सरकार: कांग्रेस

शिक्षण संस्थानों का माहौल खराब नहीं होने दें, लड़कियों की शिक्षा सुनिश्चित करे सरकार: कांग्रेस

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:28 PM IST, Published Date : March 15, 2022/5:12 pm IST

नयी दिल्ली, 15 मार्च (भाषा) कांग्रेस ने हिजाब से जुड़े कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले की पृष्ठभूमि में मंगलवार को कहा कि राज्य की भाजपा सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि शिक्षण संस्थानों का माहौल खराब नहीं हो और सभी लड़कियां शिक्षा हासिल कर सकें।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के बाद लड़कियों की शिक्षा सुनिश्चित करने और शिक्षण संस्थानों में शांति एवं सौहार्द बनाए रखने की जिम्मेदारी बोम्मई सरकार की है। अब मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है और सभी को फैसले का इंतजार करना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कर्नाटक सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति या बजरंग दल, एसडीपीआई एवं पीएफआई जैसे समूहों को स्कूलों एवं कॉलेजों का माहौल खराब करने की अनुमति नहीं मिले। सरकार को धर्म से इतर सभी बच्चियों की स्कूलों एवं कॉलेजों में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए।’’

सुरजेवाला के अनुसार, ‘‘कर्नाटक सरकार को यह ध्यान रखना होगा कि सभी बच्चों को वैज्ञानिक एवं आधुनिक शिक्षा प्रदान करना राजनीतिक सहूलियत पर निर्भर नहीं है। भाजपा के ध्रुवीकरण के एजेंडे के लिए शांतिपूर्ण माहौल और सांप्रदायिक महौल की बलि नहीं दी जा सकती।’’

कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने कहा कि यह समझ से परे है कि हिजाब से स्कूल एवं कॉलेज की वर्दी का उल्लंघन कैसे होता है। उन्होंने यह सवाल भी किया कि संविधान में निहित मौलिक अधिकारों का क्या हुआ?

शमा मोहम्मद ने ट्वीट कर कहा कि वर्दी से मिलते-जुलते रंग का हिजाब पहनने की अनुमति दी जानी चाहिए।

उन्होंने सवाल किया, ‘‘(मैं) यह समझ नहीं पा रही कि हिजाब से कैसे स्कूल/कॉलेज के यूनीफॉर्म का उल्लंघन होता है। हमारे संविधान में लिखित मौलिक अधिकारों का क्या हुआ?’’

कांग्रेस नेता शमा ने कहा, ‘‘भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक देश में हर महिला को अधिकार है कि वह जिस पहनावे में सहज महसूस करती है उसे पहन सकती है। महिलाओं को यह बताने का अधिकार किसी को नहीं है कि वे क्या पहन सकती हैं और क्या नहीं पहन सकती हैं। स्कूलों में यूनीफॉर्म से मिलते-जुलते रंग का हिजाब पहनने की अनुमति मिलनी चाहिए। महिलाओं को विकल्प क्यों नहीं मिलना चाहिए।’’

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कक्षा में हिजाब पहनने की अनुमति देने का अनुरोध करने वाली उडुपी स्थित ‘गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज’ की मुस्लिम छात्राओं के एक वर्ग की याचिकाएं मंगलवार को खारिज कर दीं और कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम धर्म में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है।

तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि स्कूल की वर्दी का नियम एक उचित पाबंदी है और संवैधानिक रूप से स्वीकृत है, जिस पर छात्राएं आपत्ति नहीं उठा सकती।

भाषा हक हक माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)