भारतीय ताने-बाने का अभिन्न हिस्सा है वंशवाद की राजनीति, भाजपा में भी मौजूद: थरूर |

भारतीय ताने-बाने का अभिन्न हिस्सा है वंशवाद की राजनीति, भाजपा में भी मौजूद: थरूर

भारतीय ताने-बाने का अभिन्न हिस्सा है वंशवाद की राजनीति, भाजपा में भी मौजूद: थरूर

:   Modified Date:  March 27, 2024 / 05:07 PM IST, Published Date : March 27, 2024/5:07 pm IST

(के. प्रवीण कुमार)

तिरुवनंतपुरम, 27 मार्च (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने वंशवादी राजनीति पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हमले को लेकर बुधवार को कहा कि इस तरह की राजनीति भारत के सांस्कृतिक ताने-बाने में रची-बसी है और यह न सिर्फ उनकी पार्टी, बल्कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में भी व्यापक स्तर पर मौजूद है।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में देश के राजनीतिक दलों में वंशवाद की राजनीति का बचाव करते हुए कहा कि यह भारत की संस्कृति का हिस्सा है। उनका कहना था कि यह एक सामान्य परिपाटी है और कोई असामान्य बात नहीं।

थरूर ने कहा, ‘‘यह पश्चिम की तुलना में भारत में सामान्य बात है कि एक पिता अपने बेटे से अपने पेशे का अनुसरण करने की अपेक्षा करता है और यह ऐसे ही चलता रहता है। इसलिए यह बिल्कुल भी आश्चर्य की बात नहीं है कि सभी दलों में किसी न किसी स्तर का परिवारवाद है।’’

लोकसभा सदस्य ने दावा किया कि शीर्ष के कुछ नेताओं को छोड़कर भाजपा में सभी मंत्री और सांसद वरिष्ठ भाजपा नेताओं के पुत्र या पुत्रियां हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के रुख में कोई निरंतरता नहीं दिखती। वह अन्य पार्टियों में परिवारवाद पर हमला करते हैं, लेकिन अपनी पार्टी में परिवारवाद को प्रोत्साहित करते हैं। उनकी पार्टी ऐसे सांसदों, मंत्रियों और अन्य लोगों से भरी हुई है, जो अन्य वरिष्ठ भाजपा नेताओं के बेटे या बेटियां हैं।’’

थरूर ने कहा, ‘‘यह हमारे देश में एक सांस्कृतिक आदत है। हम एक ऐसा देश हैं जहां, अक्सर, बेटे पिता और उनके पेशे का अनुसरण करते हैं। अब बेटियां भी अपनी मां के पेशे का अनुसरण कर रही हैं।’’

उन्होंने यह भी कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि न तो उनके पिता राजनीति में थे और न उनके पुत्र राजनीति में हैं।

भाषा हक हक माधव

माधव

 

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