शिमला, 16 अप्रैल (भाषा) भारतीय सेना इजराइल-हमास संघर्ष पर नजर रख रही है ताकि वह अपने सैनिकों को सीमा पर ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए प्रशिक्षित कर सके।
फलस्तीनी उग्रवादी संगठन हमास ने इजराइल पर अभूतपूर्व हमला करते हुए पूरी दुनिया को चौंका दिया था जिसके बाद इजराइल ने जवाबी कार्रवाई में अपनी सेना उतार दी।
शिमला आधारित सैन्य प्रशिक्षण कमान (एआरटीआरएसी) के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने मंगलवार को कहा, ‘हम यह जानने के लिए तीन साल से रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी करीब से नजर रख रहे हैं कि ड्रोन और नयी प्रौद्योगिकियां युद्ध को कैसे प्रभावित कर रही हैं।’
सिंह ने एआरटीआरएसी के अलंकरण समारोह के बाद मीडियाकर्मियों से कहा कि सेना को इन परिदृश्यों को समझना और अध्ययन करना होगा ताकि अगर कल उसे इसी तरह की स्थिति से गुजरना पड़े तो वह तैयार रहे।
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा, ‘‘इजराइल-हमास युद्ध एक विशिष्ट मामला है क्योंकि पाकिस्तान या किसी अन्य देश के साथ लगती हमारी सीमाओं पर आतंकवादी हमलों से हम भी प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए सैन्य प्रशिक्षण प्रासंगिक होना चाहिए।’’
भाषा नेत्रपाल माधव
माधव
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