नयी दिल्ली, पांच अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के फर्जी वीडियो क्लिप के प्रसारण मामले में एक टेलीविजन चैनल के सम्पादक को दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान की।
न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की खंडपीठ ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकार को नोटिस जारी किये और कहा कि एक ही वादहेतुक (कॉज ऑफ एक्शन) को लेकर रायपुर और सीकर में दर्ज प्राथमिकियों पर कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए।
पीठ ने कहा कि समाचार चैनल के सम्पादक रजनीश आहूजा के खिलाफ जयपुर में दर्ज मामले में जांच जारी रहेगी।
आहूजा की ओर से पेश हो रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने कहा कि उनके मुवक्किल जांच में शामिल होने को तैयार हैं, लेकिन उनके खिलाफ कई प्राथमिकियां दर्ज की गयी हैं तथा उन्हें अलग-अलग स्थानों पर एक साथ तलब करके उत्पीड़ित नहीं किया जा सकता।
पीठ ने इस बात का संज्ञान लिया कि चैनल ने अगले ही दिन संबंधित वीडियो को वापस ले लिया था और इस मामले में माफी मांग ली थी। इसने टेलीविजन प्रस्तोता रोहित रंजन के मामले में शीर्ष अदालत के आदेश का संज्ञान लिया।
गत आठ जुलाई को शीर्ष अदालत ने टेलीविजन प्रस्तोता रोहित रंजन को भी इसी मामले में राहत प्रदान करते हुए विभिन्न राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों के सिलसिले में की जाने वाली दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण प्रदान किया था।
भाषा सुरेश दिलीप
दिलीप
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