गोवा बार मामला: अदालत के पूर्व आदेश पर ट्विटर ने मांगा स्पष्टीकरण |

गोवा बार मामला: अदालत के पूर्व आदेश पर ट्विटर ने मांगा स्पष्टीकरण

गोवा बार मामला: अदालत के पूर्व आदेश पर ट्विटर ने मांगा स्पष्टीकरण

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:22 PM IST, Published Date : August 23, 2022/2:08 pm IST

नयी दिल्ली, 23 अगस्त (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने ट्विटर की उस याचिका पर मंगलवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से जवाब मांगा, जिसमें सोशल मीडिया मंच ने अदालत के एक पूर्व के आदेश में कुछ स्पष्टीकरण मांगा है।

अदालत ने हाल ही में एक आदेश में सोशल मीडिया मंच से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता ईरानी और उनकी बेटी के खिलाफ आपत्तिजनक सामग्री वाले वेब लिंक हटाने का निर्देश दिया था।

न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा ने ट्विटर की उस याचिका पर ईरानी को नोटिस जारी किया, जिसमें उसने अदालत के 29 जुलाई के आदेश के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है।

ट्विटर ने ईरानी के लंबित दीवानी मानहानि के मुकदमे के संबंध में यह आवेदन दाखिल किया है। मानहानि के मामले पर सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने 29 जुलाई को कांग्रेस के तीन नेताओं जयराम रमेश, पवन खेड़ा तथा नेट्टा डिसूजा को समन जारी किया था और केंद्रीय मंत्री तथा उनकी बेटी पर लगाए आरोपों से जुड़े ट्वीट तथा अन्य सोशल मीडिया पोस्ट हटाने को कहा था।

उच्च न्यायालय ने इसके अलावा सोशल मीडिया मंच फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब से वादी और उनकी बेटी की छेड़छाड़ की गईं तस्वीरों के साथ इस तरह की मानहानिकारक सामग्री, वीडियो, पोस्ट, ट्वीट, री-ट्वीट, कैप्शन टैगलाइन को हटाने का निर्देश दिया था।

ट्विटर ने स्पष्टीकरण मांगा कि आदेश में प्रतिवादी एक से तीन (कांग्रेस नेताओं) को निर्देश दिया गया है, सोशल मीडिया मंच को नहीं।

इससे पहले, गूगल ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया था कि उसने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और उनकी बेटी के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक सामग्री वाले वेब लिंक को हटाने के आदेश का अनुपालन किया है और कहा था कि भाजपा की नेता अन्य यूआरएल प्रदान कर सकती हैं जिन पर कार्रवाई की जाएगी।

गूगल के वकील ने उच्च न्यायालय को बताया था कि ईरानी ने उन्हें केवल एक यूआरएल मुहैया कराया और उसे हटा दिया गया है।

उच्च न्यायालय ने गूगल के 29 जुलाई के आदेश में संशोधन के अनुरोध पर भी भाजपा नेता को अपना रुख स्पष्ट करने को कहा था।

अदालत ने 29 जुलाई को अपने आदेश में कहा था कि ईरानी और उनकी बेटी विवाद का केंद्र बने गोवा के एक रेस्तरां-सह-बार की मालिक नहीं थीं और न ही उनके पक्ष में कभी लाइसेंस जारी किया गया। साथ ही अदालत ने कहा कि उनके खिलाफ तीनों कांग्रेस नेताओं के बयान फर्जी लगते हैं जो ‘‘दुर्भावनापूर्ण इरादे से’’ दिए गए।

कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया था कि भाजपा की वरिष्ठ नेता और उनकी बेटी का संबंध गोवा के रेस्तरां ‘सिली सोल्स कैफे एंड बार’ से है। इसके बाद ईरानी ने उनके और उनकी 18 वर्षीय बेटी के खिलाफ कथित रूप से निराधार तथा झूठे आरोप लगाने के लिए कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers