केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना को लागू करने के लिये सरकार ने प्राधिकार गठित किया |

केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना को लागू करने के लिये सरकार ने प्राधिकार गठित किया

केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना को लागू करने के लिये सरकार ने प्राधिकार गठित किया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:57 PM IST, Published Date : February 15, 2022/9:47 pm IST

नयी दिल्ली, 15 फरवरी (भाषा) केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर नदी जोड़ने की नीति के तहत पहली परियोजना को लागू करने के लिये केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना प्राधिकार गठित किया है । इस परियोजना को उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में लागू किया जायेगा और इससे करीब 11 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित की जा सकेगी ।

सरकार की ओर से 11 फरवरी को जारी अधिसूचना के अनुसार, केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना प्राधिकार (केबीएलपीए) दौंधन बांध, बिजली घर, सुरंग और दोनों नदियों को जोड़ने वाली सम्पर्क नहर पर अमल के लिये जवाबदेह होगी ।

केंद्र सरकार ने 20 सदस्यीय संचालन समिति का भी गठन किया है जिसकी अध्यक्षता जल संसाधन विभाग के सचिव करेंगे और इसके सदस्यों में वन एवं पर्यावरण विभाग, व्यय विभाग, बिजली विभाग, आदिवासी मामलों के विभाग के सचिवों सहित अन्य शामिल होंगे ।

संचालन समिति समझौता ज्ञापन के प्रावधानों पर अमल सुनिश्चित करेगी, साथ ही केबीएलपीए की बुनियादी प्राशासनिक नीतियों एवं नियमों एवं मानदंडों को मंजूरी प्रदान करेगी तथा जवाबदेही प्रस्तावों पर निर्णय करेगी एवं वार्षिक बजट पर विचार करने, मंजूरी देने का कार्य करेगी ।

केबीएलपीए के प्रमुख मुख्य कार्यकारी अधिकारी होंगे जो भारत सरकार में अतिरिक्त सचिव स्तर के होंगे और उनकी सहायता पांच सीईओ करेंगे जो संयुक्त सचिव/मुख्य इंजीनियर स्तर के होंगे और एक निदेशक वित्त भी होंगे ।

गौरतलब है कि जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार, इस परियोजना के तहत केन नदी से बेतवा नदी में पानी भेजा जाएगा। इसके लिए मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में दौंधन बांध का निर्माण किया जाएगा। इससे 221 किलोमीटर लम्बी सम्पर्क नहर निकाली जाएगी, जो कि झांसी के निकट बरुआ में बेतवा नदी को जल उपलब्ध कराएगी। दोनों नदियों को जोड़ने वाली नहर, लोअर ओर परियोजना, कोठा बैराज और बीना परिसर बहुद्देशीय परियोजना से इसमें मदद मिलेगी।

इस परियोजना से बुंदेलखंड के मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के 12 जिलों को पानी मिलेगा। मध्य प्रदेश में छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी जिलों को पानी मिलेगा, वहीं उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जिलों को राहत मिलेगी। इससे 10.62 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सालभर सिंचाई हो सकेगी, 62 लाख लोगों को पेयजल आपूर्ति संभव होगी तथा 103 मेगावॉट बिजली पैदा की जा सकेगी।

भाषा दीपक दीपक पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)