सरकार ने पहले 'राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार' के लिए नामांकन मांगे |

सरकार ने पहले ‘राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार’ के लिए नामांकन मांगे

सरकार ने पहले 'राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार' के लिए नामांकन मांगे

:   Modified Date:  January 14, 2024 / 09:47 PM IST, Published Date : January 14, 2024/9:47 pm IST

नयी दिल्ली, 14 जनवरी (भाषा) सरकार ने पहले ‘राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार’ के लिए रविवार को नामांकन मांगे।

यह विज्ञान, प्रौद्योगिकी और प्रौद्योगिकी आधारित नवाचार के विभिन्न क्षेत्रों में व्यक्तियों या टीम के लिए पहले राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार हैं।

विभिन्न संस्थानों द्वारा दिए जाने वाले 300 से अधिक पुरस्कारों को खत्म करने के बाद पिछले साल इस पुरस्कार को शुरू किया गया था जो चार श्रेणियों में दिए जाएंगे। इसमें एक पदक और एक प्रशस्ति पत्र शामिल होगा लेकिन कुछ नकद नहीं दिया जाएगा।

नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 28 फरवरी है, जिसे राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। पुरस्कारों की घोषणा 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर की जाएगी, जो पोखरण में दूसरी बार किए गए परमाणु परीक्षण की वर्षगांठ है।

पुरस्कार 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर प्रदान किए जाएंगे जिस दिन चंद्रयान-3 मिशन की चंद्रमा पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ हुई थी।

तेरह क्षेत्रों की चार श्रेणियों में कुल 56 पुरस्कार दिए जाएंगे जिनमें भौतिकी, रसायन विज्ञान, जैविक विज्ञान, गणित और कंप्यूटर विज्ञान, पृथ्वी विज्ञान, चिकित्सा, इंजीनियरिंग विज्ञान, कृषि विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी शामिल है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में जीवनकाल की उपलब्धियों और योगदान को मान्यता देने के लिए अधिकतम तीन ‘विज्ञान रत्न’ (वीआर) पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान को मान्यता देने के लिए अधिकतम 25 ‘विज्ञान श्री’ (वीएस) पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में असाधारण योगदान देने वाले युवा वैज्ञानिकों की प्रतिभा को पहचान दिलाने और उन्‍हें प्रोत्साहित करने के लिए अधिकतम 25 ‘विज्ञान युवा:शांति स्वरूप भटनागर’ (वीवाई-एसएसबी) पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।

“विज्ञान टीम’ (वीटी) पुरस्कार अधिकतम तीन टीमों को दिया जाएगा जिसमें तीन या अधिक वैज्ञानिक, शोधकर्ता या नवप्रवर्तक शामिल होंगे जिन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक टीम में काम करते हुए असाधारण योगदान दिया हो।

पुरस्कारों की अधिसूचना में कहा गया है कि ‘विज्ञान रत्न’ पुस्कार भारत में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में सर्वोच्च मान्यता में से एक होगी।

भाषा नोमान नरेश

नरेश

 

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