संसद सत्र में तटीय जल कृषि प्राधिकार संशोधन विधेयक पेश करेगी सरकार |

संसद सत्र में तटीय जल कृषि प्राधिकार संशोधन विधेयक पेश करेगी सरकार

संसद सत्र में तटीय जल कृषि प्राधिकार संशोधन विधेयक पेश करेगी सरकार

:   Modified Date:  December 2, 2022 / 05:16 PM IST, Published Date : December 2, 2022/5:16 pm IST

नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में तटीय जल कृषि प्राधिकार संशोधन विधेयक 2022 पेश करेगी जिसमें तटीय जल कृषि कानून के दायरे का विस्तार करने, कारावास के प्रावधानों को हटाने तथा पर्यावरण संरक्षण के सिद्धांतों से समझौता किये बिना नियामक अनुपालन शर्तों को आसान करने का प्रावधान किया गया है।

इसका मकसद भारत मे तटीय जल कृषि की क्षमता के उचित दोहन करना और सस्ते एवं सुरक्षित प्रोटिन के सतत उत्पादन को बढ़ावा देना है।

लोकसभा की बुलेटिन के अनुसार, ‘‘ सत्र के दौरान तटीय जल कृषि प्राधिकार संशोधन विधेयक 2022 पेश किया जायेगा । ’’ इसके माध्यम से तटीय जल कृषि प्राधिकार अधिनियम 2005 में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है।

तटीय जल कृषि प्राधिकार संशोधन विधेयक 2022 का मकसद वर्तमान कानून में संशोधन करना है ताकि तटीय क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण के सिद्धांतों से समझौता किये बिना विभिन्न हितधारकों पर नियामक अनुपालन बोझ को कम किया जा सके ।

सूत्रों के अनुसार, इसका उद्देश्य 2005 के अधिनियम में संशोधन करके इसके दायरे को वर्तमान तटीय जलीय कृषि फार्मो से परे विस्तारित करना है । इसके माध्यम से जल कृषि के सभी कार्यक्षेत्रों और गतिविधियों को इसके दायरे में लाया जा सके जिससे इस क्षेत्र का सतत विकास सुनिश्चित हो सकेगा ।

इसमें क्षेत्रीय जरूरतों और मौजूदा परिस्थितियों के आधार पर नियमों में नवीनीकरण करने का प्रस्ताव किया गया है ताकि तटीय जल कृषि फार्मो और अन्य गतिविधियों के पंजीकरण में आने वाली कठिनाइयों को कम किया जा सके ।

विधेयक में वर्तमान कानून की एक धारा में संशोधन करके कारावास के प्रावधानों को हटाने का प्रस्ताव किया गया है हालांकि कारावास के बदले उपयुक्त मौद्रिक एवं अन्य दंड का संयोजन प्रस्तावित है।

इसके माध्यम से कानून में नियामक संबंधी कमियों को दूर किया जा सकेगा जिससे कारोबार के अनुकूल माहौल बनाया जा सके।

उन्होंने बताया कि यह प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर भारत मे तटीय जल कृषि की क्षमता के दोहन का मार्ग प्रशस्त करेगा और सस्ते एवं सुरक्षित प्रोटिन के सतत उत्पादन को बढ़ावा देगा ।

भाषा दीपक दीपक माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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