कोलकाता, 13 अप्रैल (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ मंत्री पार्थ चटर्जी को अस्थायी राहत देते हुए बुधवार को पूर्व में दिए गए एक आदेश पर चार सप्ताह के लिए रोक लगा दी, जिसमें चटर्जी को एक मामले में सीबीआई के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया गया था।
पार्थ चटर्जी पर राज्य सरकार से सहायता प्राप्त स्कूलों में सहायक शिक्षकों की नियुक्ति में अनियमितता बरतने का आरोप है। न्यायालय ने इस मामले से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह रोक लगाई।
न्यायमूर्ति सुव्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति ए के मुखर्जी की खंडपीठ ने आरोपों की जांच के लिए अदालत की एक अन्य खंडपीठ द्वारा पूर्व में नियुक्त समिति की अध्यक्षता से न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आर के बाग का इस्तीफा स्वीकार करने से भी इनकार कर दिया। उच्च न्यायालय ने समिति से ग्रुप-सी श्रेणी के सहायक शिक्षकों की भर्ती की जांच करने का अनुरोध किया है।
समिति पहले ही ग्रुप-डी नियुक्तियों की जांच पर अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है।
उच्च न्यायालय की पीठ ने बाग समिति को 13 मई तक अपनी रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 13 मई को ही होगी।
पार्थ चटर्जी उस समय राज्य के शिक्षा मंत्री थे, जब शिक्षकों की कथित नियुक्तियां की गयी थीं।
भाषा रवि कांत माधव
माधव
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