चेन्नई, 27 सितंबर (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के प्रमुख डॉ. एस. रामदास की याचिका खारिज कर दी है, जिन्होंने 2013 में राजनीतिक दल के आंदोलन के कारण बसों के संचालन नहीं होने से सरकार को हुए नुकसान की भरपाई के लिए कार्यवाही शुरू करने पर रोक लगाने की मांग की।
न्यायमूर्ति एस. एम. सुब्रमण्यन ने कहा कि याचिकाकर्ता को अपनी आपत्तियां, कारण, दस्तावेज, साक्ष्य आदि पेश करने की स्वतंत्रता है ताकि वह अपने मामले का बचाव कर सकें।
न्यायाधीश पीएमके अध्यक्ष जी. के. मणि की पिछले हफ्ते दायर रिट याचिका पर सुनवाई कर रहे थे जिसमें अतिरिक्त मुख्य सचिव/राजस्व प्रशासन के आयुक्त, राजस्व विभाग- प्रशासन आपदा प्रबंधन और न्यूनीकरण विभाग के 17 जून 2013 के नोटिस को रद्द करने की मांग की। इस नोटिस में उन्होंने जांच के लिए पेश होने और तमिलनाडु संपत्ति (क्षति और नुकसान निवारण) कानून, 1992 के तहत आरोपों का लिखित जवाब देने का निर्देश दिया गया था।
नोटिस में दावा किया गया कि याचिकाकर्ता पार्टी के सदस्यों द्वारा 25 अप्रैल से 19 मई 2013 तक आंदोलन के दौरान मेट्रोपोलिटन परिवहन निगम (चेन्नई) की बसों के चेन्नई, कांचीपुरम और तिरूवल्लुर जिलों में आंशिक संचालन के कारण राजस्व को नुकसान हुआ और उन्हें इसकी भरपाई करने के लिए कहा गया था।
भाषा नीरज नीरज माधव
माधव
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