टीकाकरण अभियान की पहली वर्षगांठ पर स्वास्थ्य मंत्री ने विशेष डाक टिकट जारी किया |

टीकाकरण अभियान की पहली वर्षगांठ पर स्वास्थ्य मंत्री ने विशेष डाक टिकट जारी किया

टीकाकरण अभियान की पहली वर्षगांठ पर स्वास्थ्य मंत्री ने विशेष डाक टिकट जारी किया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:37 PM IST, Published Date : January 16, 2022/6:26 pm IST

नयी दिल्ली, 16 जनवरी (भाषा) देश में कोविड-19 टीकाकरण अभियान के एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने स्वदेश निर्मित टीके ‘कोवैक्सीन’ पर आधारित डाक टिकट जारी किया। साथ ही कहा कि देश की 70 फीसदी वयस्क आबादी को टीके की दोनों खुराक जबकि 93 फीसदी को पहली खुराक दी जा चुकी है।

विशेष डाक टिकट जारी करने के लिए आयोजित कार्यक्रम को ऑनलाइन संबोधित करते हुए मांडविया ने कहा कि यह भारतीयों के लिए गर्व का पल है और पूरा विश्व भारत के कोविड-रोधी टीकाकरण अभियान की उपलब्धि से अंचभित है।

उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने टीकाकरण अभियान को लेकर संशय जाहिर किया था, हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दृढ़ निश्चयी थे और उन्होंने वैज्ञानिकों और कंपनियों का उत्साहवर्धन जारी रखा।

मांडविया ने कहा, ” भारत इतनी बड़ी आबादी और विविधता के बावजूद 156 करोड़ खुराक देने की उपलब्धि हासिल करने में कामयाब रहा। कोविड टीकाकरण अभियान के एक साल पूरा होने के अवसर पर आईसीएमआर और भारत बायोटेक द्वारा विकसित स्वदेशी टीके पर आधारित डाक टिकट जारी किया गया है, जोकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करता है।”

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस मौके पर सभी वैज्ञानिकों को बधाई भी दी।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार और निजी क्षेत्र ने टीका अनुसंधान पर मिलकर काम किया और नौ महीने में एक स्वदेशी कोविड टीके को विकसित किया गया। साथ ही टीके को मंजूरी देने की प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया।

इससे पहले, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एक ट्वीट में कहा कि भारत ने पिछले साल एक अप्रैल को टीके की 10 करोड़ खुराक देने की उपलब्धि हासिल कर ली थी।

उन्होंने कहा कि 25 जून को 25 करोड़ खुराक, छह अगस्त को 50 करोड़ और 13 सितंबर को 75 करोड़ खुराक देने का आंकड़ा पार किया गया।

अभियान पिछले साल 16 जनवरी से तब शुरू हुआ था, जब पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को टीके की खुराकें दी गईं थीं। इसके बाद अग्रिम मोर्चे के अन्य कर्मियों के लिए टीकाकरण दो फरवरी से शुरू हुआ था।

कोविड-19 टीकाकरण का अगला चरण एक मार्च से शुरू हुआ, जिसमें 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और 45 वर्ष से अधिक उम्र के उन लोगों को टीका लगाया गया, जिन्हें अन्य गंभीर बीमारियां थी।

अभियान के अगले चरण में 45 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों का टीकाकरण एक अप्रैल से शुरू हुआ था। सरकार ने 18 साल से ऊपर के सभी लोगों के टीकाकरण की अनुमति देकर अभियान का दायरा एक मई 2021 से और बढ़ा दिया था।

इसके बाद 15 से 18 आयु वर्ग के किशोर-किशोरियों के लिए कोविड-19 टीकाकरण अभियान का अगला चरण इस साल तीन जनवरी से शुरू हुआ।

भारत ने स्वास्थ्य देखभाल और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को कोविड टीके की एहतियाती खुराक देना 10 जनवरी से शुरू कर दिया, जिसमें मतदान वाले पांच राज्यों में तैनात मतदान कर्मी और 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों को शामिल किया गया है। कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के प्रसार को रोकने की कवायद के तहत एहतियाती खुराक दी जा रही है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि टीकाकरण के लिए काफी कम जनसंख्या वाले कई विकसित पश्चिमी देशों की तुलना में भारत का टीकाकरण कार्यक्रम सबसे सफल और सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रमों में से एक रहा है।

रविवार सुबह सात बजे तक की अंतरिम रिपोर्ट के मुताबिक, देश में कोविड-19 टीकाकरण के तहत 156.76 करोड़ से ज्यादा खुराकें दी जा चुकी हैं। वहीं, 43.19 लाख एहतियाती खुराकें देने के अलावा 15 से 18 आयु वर्ग के 3,38,50,912 लाभार्थियों को पहली खुराक दी जा चुकी है।

भाषा

शफीक दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)