heavy devastation due to cloudburst : Heavy devastation due to cloudburst

जम्मू-कश्मीर में बादल फटने से भारी तबाही, 7 लोगों की मौत, 17 अन्य घायल

जम्मू-कश्मीर के एक गांव में बादल फटा; सात लोगों की मौत, 17 अन्य घायल

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:35 PM IST, Published Date : July 28, 2021/4:28 pm IST

Devastation due to cloudburst Jammu 

जम्मू, 28 जुलाई (भाषा) जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के एक सुदूर गांव में बुधवार तड़के बादल फटने से सात लोगों की मौत हो गई और 17 अन्य घायल हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि दाचन तहसील के होनजार गांव में सुबह करीब साढ़े चार बजे बादल फटने के कारण एक पुल के अलावा छोटी नदी के किनारे स्थित छह मकान और एक राशन की दुकान भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। पुलिस, सेना और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) का संयुक्त राहत अभियान जारी है, जो लापता 14 लोगों की तलाश में जुटे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केन्द्र सरकार जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में बादल फटने की घटना से उत्पन्न स्थिति पर करीब नजर रख रही है और प्रभावित क्षेत्रों में हरसंभव मदद पहुंचाई जा रही है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह से बात की और स्थिति के बारे में जानकारी हासिल की।
heavy devastation due to cloudburst : किश्तवाड़ के जिला विकास आयुक्त अशोक कुमार शर्मा ने कहा, ‘‘ बादल फटने की घटना से प्रभावित गांव में से सात लोगों के शव अभी तक बचावकर्मियों को मिल चुके हैं और 17 लोगों को बचाया गया है, जो घायल हैं।’’ उन्होंने बताया कि 14 लापता लोगों की तलाश अब भी जारी है। घायलों में से पांच की हालत नाजुक बताई जा रही है। इससे पहले, जिला विकास आयुक्त अशोक शर्मा ने कहा था कि लापता लोगों का पता लगाने के व्यापक तलाश अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस महानिदेशक वीके सिंह ने बताया कि मारे गए पांच लोगों में दो महिलाएं हैं। वहीं 25 लोग अब भी लापता हैं। सिंह होम गार्ड, नागरिक सुरक्षा तथा एसडीआरएफ के कमांडेंट जनरल भी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ किश्तवाड़ से एसडीआरएफ की हमारी एक टीम प्रभावित गांव पहुंची, दो और टीमें डोडा और उधमपुर जिलों से रवाना हो रही हैं। एसडीआरएफ के दो और दल मौसम साफ होने का इंतजार कर रहे हैं, उन्हें जम्मू और श्रीनगर से हवाई मार्ग से घटनास्थल पर पहुंचाया जाएगा।’’

सिंह ने कहा कि पंजाब के लुधियाना से भी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) का एक दल किश्तवाड़ रवाना हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ खराब मौसम के कारण बचाव अभियान प्रभावित हो रहा है और हमारे दल हवाईअड्डों पर तैयार खड़े हैं। गांव तक कोई वाहन नहीं जा सकता। जहां वाहन छोड़ते हैं, वहां से पैदल जाने पर गांव तक पहुंचने में तीन घंटे लग सकते हैं।’’ अधिकारियों ने बताया कि जिले के मैचर, पद्दार और बंजवाह में भी बाढ़ आई है। किश्तवाड़ के जिला विकास आयुक्त ने बताया कि सुदूर लोम्बार्ड क्षेत्र में रात को बादल फटने की दो और घटनाएं हुईं लेकिन वहां किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। शर्मा ने कहा, ‘‘ अवसंरचनाओं को नुकसान पहुंचा है लेकिन उसकी उचित जानकारी मिलना अभी बाकी है।’’ उन्होंने कहा कि लगातार बारिश को देखते हुए पद्दार क्षेत्र से करीब 60 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
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रक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि नागरिक प्रशासन की मदद के लिए सेना की दो टुकड़ियों को भी तैनात किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘पहली टुकड़ी को तड़के तैनात किया गया था और वह असैन्य प्रशासन के साथ बचाव कार्य में लगा हुआ है, जबकि दूसरा दस्ता जल्द ही घटनास्थल पर पहुंच जाएगा।’’ उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ का एक दस्ता जम्मू वायु सेना अड्डे पर तैयार है और मौसम साफ होते ही हवाई मार्ग से उसे घटनास्थल पर भेजा जाएगा। केन्द्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा कि वे प्राकृतिक आपदा से उत्पन्न स्थिति पर नजर बनाए हैं। केन्द्रीय मंत्री ने ट्वीट किया कि उन्होंने किश्तवाड़ के जिला मजिस्ट्रेट और वायुसेना अधिकारियों से घायलों को हवाई मार्ग से लाने को लेकर बात की है।

उधमपुर निर्वाचन क्षेत्र के सांसद ने कहा, ‘‘…… स्थिति पर नजर बनाए हैं। आगे भी आवश्यकता अनुसार हर प्रकार की सहायता प्रदान की जाएगी।’’ किश्तवाड़ भी उधमपुर निर्वाचन क्षेत्र के अधीन आता है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल सिन्हा ने ट्वीट किया, ‘‘ दाचन में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ से लोगों की जान जाने से बेहद दुखी हूं। शोक संतप्त परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। वरिष्ठ अधिकारियों और जिला प्रशासन से बात की है। सेना और एसडीआरएफ बचाव कार्य में जुटे हैं और लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं। मैं लगातार स्थिति पर नजर बनाए हूं।’’

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जम्मू में बीते कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है। जुलाई माह के अंत तक भारी बारिश होने का अनुमान है, जिसके चलते किश्तवाड़ के अधिकारियों ने जलाशयों के निकट रहने वाले और फिसलन वाले क्षेत्रों के लोगों से सतर्क रहने को कहा है। जिला प्रशासन ने मंगलवार रात को जारी एक परामर्श में कहा, ‘‘मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आने वाले दिनों में भारी बारिश हो सकती है जिससे नदियों और नालों में जल स्तर बढ़ सकता है और उनके निकट रहने वाले लोगों के लिए खतरा हो सकता है।’’ मौसम विज्ञान विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि 30 जुलाई तक जम्मू-कश्मीर के अधिकतर हिस्सों में रुक-रुककर भारी बारिश जारी रहेगी।

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ कुछ इलाकों में भारी से अति भारी बारिश का अनुमान है, जिससे अचानक बाढ़ आने, मिट्टी धंसने, भूस्खलन होने और निचले इलाकों में जलजमाव की आशंका है। लोगों से सतर्क रहने को कहा गया है क्योंकि लगातार बारिश से सभी नदियों में पानी का स्तर बढ़ गया है। लोगों को पहाड़ी इलाकों और ऐसे स्थानों पर जाने से मना किया गया है, जहां भूस्खलन होने या मिट्टी धंसने की आशंका हो।’’

 

 
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