प्रयागराज, दो दिसंबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मामले की कोर्ट फाइल के बगैर सरकारी वकीलों के पेश होने को लेकर शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को 13 दिसंबर को पेश होने का निर्देश दिया।
मनीष श्रीवास्तव और अन्य की एक विशेष अपील पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जे जे माथुर की पीठ ने यह आदेश पारित किया और इस मामले की सुनवाई 13 दिसंबर तक के लिए टाल दी।
सुनवाई के समय जब इस मामले में प्रतिवादी राज्य सरकार की ओर से कोई प्रस्तुत नहीं हुआ तो पीठ ने कहा, “हमें सरकारी वकीलों को बुलाकर कहना पड़ा कि क्या कोई इस मामले में पेश हो रहा है क्योंकि जब मामले पर सुनवाई शुरू हुई तो कोई खड़ा नहीं हुआ था।”
उच्च न्यायालय ने कहा, “वकीलों के पास मामले की कोर्ट फाइल तक नहीं है। यह कोई अलग मामला नहीं है। आज सुनवाई के लिए केवल चार मामले सूचीबद्ध थे जहां सरकारी वकीलों के पास मामले की कोर्ट फाइल नहीं थी। इन सभी मामलों में सुनवाई टालनी पड़ी जिसकी वजह से इस अदालत में लंबित किसी भी पुराने मामले में सुनवाई नहीं की जा सकी।”
पीठ ने कहा, “हमारे पास मुख्य सचिव को तलब करने के अलावा अब कोई विकल्प नहीं है। मुख्य सचिव व्यक्तिगत तौर पर पेश होकर बताएं कि अगर सरकारी वकील बगैर जानकारी के इस अदालत में पेश होते हैं तो अदालतें कैसे काम करेंगी।”
भाषा राजेंद्र राजकुमार
राजकुमार
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