नयी दिल्ली, 25 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को एक बार एसोसिएशन की याचिका स्वीकार करने से इनकार कर दिया, जिसमें हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय की एक सर्किट पीठ धर्मशाला में स्थापित करने का अनुरोध किया गया था।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा तथा न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने हालांकि, वीडियो कांफ्रेंस सुविधाएं मुहैया करने के लिए कांगड़ा जिला बार एसोसिएशन को यह विषय हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के समक्ष उठाने की अनुमति दे दी। इससे वकीलों और वादियों को अदालती कार्यवाही में शामिल होने के लिए शिमला की यात्रा में लगने वाला समय बच जाएगा।
शीर्ष न्यायालय ने कहा कि वह उच्च न्यायालय को धर्मशाला में अपनी पीठ स्थापित करने का निर्देश नहीं दे सकता।
न्यायालय ने कहा कि यदि यात्रा करना एक समस्या है तो वीडियो कांफ्रेंस की सुविधा मांगी जा सकती है।
सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश ने राज्य के सभी जिले में वीडियो कांफ्रेंस की सुविधा प्रदान करने के लिए हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एस मुरलीधर द्वारा की गई कोशिशों की सराहना की।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘उन्होंने (न्यायमूर्ति मुरलीधर ने) प्रणाली को विकेंद्रीकृत कर दिया है और अब राज्य के प्रत्येक जिले में पीठ हैं। इसलिए, किसी भी जिले के वकील वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उच्च न्यायालय में उपस्थित हो सकते हैं।’’
भाषा सुभाष पवनेश
पवनेश
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