सामाजिक रूप से प्रांसगिक फिल्मों में मेरी रूचि होने की धारणा सही नहीं: आमिर खान |

सामाजिक रूप से प्रांसगिक फिल्मों में मेरी रूचि होने की धारणा सही नहीं: आमिर खान

सामाजिक रूप से प्रांसगिक फिल्मों में मेरी रूचि होने की धारणा सही नहीं: आमिर खान

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:48 PM IST, Published Date : November 26, 2021/4:29 pm IST

कोलकाता, 26 नवंबर (भाषा) अभिनेता और फिल्म निर्माता आमिर खान ने शुक्रवार को कहा कि उनका प्राथमिक काम लोगों का मनोरंजन करना है और यह धारणा सच नहीं है कि वह केवल सामाजिक रूप से प्रासंगिक फिल्मों में रुचि रखते हैं।

खान ने एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) के वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि वह आमतौर पर अपनी सहज प्रवृत्ति का अनुसरण करते हैं, जिसने कभी-कभी फिल्मों के लेकर उनकी पसंद को भी प्रभावित किया है।

उन्होंने कहा, ”यह सच नहीं है कि मैं केवल सामाजिक रूप से प्रासंगिक फिल्मों में रुचि रखता हूं। मेरा प्राथमिक काम लोगों का मनोरंजन करना है। हो सकता है कि मैं सामाजिक रूप से प्रासंगिक फिल्मों की ओर आकर्षित हूं। लेकिन मैं सिर्फ अपनी प्रवृत्ति का पालन करता हूं।”

खान को अकसर ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ कहा जाता है। वह ‘तारे ज़मीन पर’, ‘थ्री इडियट्स’ और ‘पीके’ सहित सामाजिक संदेश देने वाली कई फिल्मों में अभियन और निर्देशन कर चुके हैं। ये सभी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल रही हैं।

खान ने कहा कि वह शूटिंग के दौरान फिल्म की कहानी में खो जाते हैं।

उन्होंने कहा, ”मैं कोई पूर्वकल्पित धारणा नहीं रखता। मैं बहुत खुले मिजाज का व्यक्ति हूं।”

उन्होंने देश-विदेश में प्रशंसा पाने वाली फिल्म ‘लगान’ का जिक्र करते हुए कहा कि इस फिल्म की कहानी ने उन्हें प्रेरित किया था।

फिल्म साल 2002 में करीबी अंतर से ऑस्कर पुरस्कार जीतने से चूक गई थी। और बोस्निया की फिल्म ”नो मैन्स लैंड” को यह खिताब मिला था।

हालांकि खान ने कहा, ”मुझे उसका कोई अफसोस नहीं है। वह एक शानदार अनुभव था। फिल्म को न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया में जबरदस्त प्रशंसा मिली थी। किसी व्यक्ति को पुरस्कारों को गंभीरता से नहीं लेना चाहिये। मैं पुरस्कार में रुचि नहीं रखता।”

भाषा

जोहेब माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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