आईआईएससी वैज्ञानिकों ने सूक्ष्म रोबोट बनाया, कर सकता है दांतों की गहरी सफाई |

आईआईएससी वैज्ञानिकों ने सूक्ष्म रोबोट बनाया, कर सकता है दांतों की गहरी सफाई

आईआईएससी वैज्ञानिकों ने सूक्ष्म रोबोट बनाया, कर सकता है दांतों की गहरी सफाई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:12 PM IST, Published Date : May 16, 2022/4:59 pm IST

नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बेंगलुरु के शोधकर्ताओं के एक अध्ययन के अनुसार, चुंबकीय क्षेत्र का उपयोग करके तैयार किए हुए नैनो-आकार के रोबोट दांतों के भीतर गहराई तक बैक्टीरिया को मारने और रूट कैनाल उपचार की सफलता को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

दांत के संक्रमण का इलाज करने के लिए,लाखों मरीजों में नियमित रूप से रूट कैनाल उपचार किया जाता है। इसमें दांत के अंदर के संक्रमित मृदु उत्तकों को हटाया जाता है और संक्रमणकारी बैक्टीरिया को मारने के लिए एंटीबायोटिक या रसायन से दांतों को साफ किया किया जाता है।

लेकिन कई बार यह उपचार इंटरोकोकस फैकलिस जैसे एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बैक्टेरिया का पूरी तरह सफाया करने में विफल रह जाता है क्योंकि ये बैक्टेरिया सूक्ष्म नलिकाओं , जिसे दंत नलिकाएं कहा जाता है, में छिपे रहे जाते हैं।

सेंटर फोर नैनो साइंस एंड इंजीनियरिंग के रिसर्च एसोसिएट एवं आईआईसी से संबद्ध स्टार्टअप थेरानॉटिलस के सहसंस्थापक षणमुख श्रीनिवास ने कहा, ‘‘ दंत नलिकाएं बहुत ही छोटी होती हैं और बैक्टीरिया उत्तक में बिल्कुल गहराई में रहते हैं। फिलहाल इतना अंदर जाने एवं बैक्टेरिया को मारने की कोई तकनीक नहीं है।’’

एडवांस्ड हेल्थेकयर मैटेरियल्स में प्रकाशित अध्ययन में अनुसंधानकर्ताओं ने सिलिकॉन डायऑक्साइड का नैनोबोट बनाया जिस पर लोहे की परत चढ़ी है और उसे निम्न चुंबकीय क्षेत्र पैदा करने वाले उपकरण की मदद से नियंत्रित किया जा सकता है।

अध्ययन के अनुसार इन नैनोबॉट्स को निकाले गए दांत के नमूने में प्रवेश कराया जाता है और सूक्ष्मदर्शी की मदद से उस पर नजर रखी जा सकती है ।

चुंबकीय क्षेत्र की आवृत्ति को कम करके, शोधकर्ता नैनोबॉट्स को इच्छानुसार स्थानांतरित करने में सक्षम थे, और दांतों के नलिकाओं के अंदर गहराई से प्रवेश करा सकते थे।

श्रीनिवास ने कहा, ‘हमने यह भी स्थापित किया है कि हम उन्हें पुनः प्राप्त कर सकते हैं … हम उन्हें रोगी के दांतों से वापस खींच सकते हैं।’

सीईएनएसई में रिसर्च एसोसिएट और थेरानॉटिलस के एक अन्य सह-संस्थापक देबयान दासगुप्ता ने कहा कि महत्वपूर्ण रूप से टीम नैनोबॉट्स की सतह को गर्मी उत्पन्न करने के लिए चुंबकीय क्षेत्र में हेरफेर करने में सक्षम थी, जो आस-पास के बैक्टीरिया को मार सकती है। बाजार में कोई अन्य तकनीक अभी ऐसा नहीं कर सकती।

उन्होंने चूहों के मॉडल में दंत नैनोबॉट्स का परीक्षण किया और उन्हें सुरक्षित और प्रभावी पाया।

शोधकर्ता एक नए प्रकार के चिकित्सा उपकरण को विकसित करने पर भी काम कर रहे हैं जो आसानी से मुंह के अंदर फिट हो सकता है, और दंत चिकित्सक को रूट कैनाल उपचार के दौरान दांतों के अंदर नैनोबॉट्स को इंजेक्ट और उन्हें इधर उधर करने की अनुमति देता है।

भाषा राजकुमार नरेश

नरेश

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)