नयी दिल्ली, 20 फरवरी (भाषा) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मद्रास के शोधकर्ता निर्माण लागत कम करने के लिए नई भवन निर्माण तकनीक खोजने और इसको बढ़ावा देने के मकसद से ‘आशा’ पहल के तहत एक ‘‘इनक्यूबेटर’’ की मेजबानी कर रहा है।
इसके तहत स्टार्ट-अप को उनके विचारों (आइडिया) को बढ़ावा देकर समर्थन किया जाएगा। ‘एक्सेलरेटर अफोर्डेबल सस्टेनेबल हाउसिंग एक्सेलरेटर्स’ आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की एक पहल है। इसके तहत भविष्य की ऐसी संभावित प्रौद्योगिकी को सहायता प्रदान की जाती है, जो बाजार में उतारने के लिए तैयार नहीं हैं या जो बाजार में उतारे जाने के लिए तैयार हैं।
अधिकारियों के अनुसार इनक्यूबेटर पहले ही त्वस्टा सहित कुछ स्टार्ट-अप का समर्थन कर चुका है। त्वस्टा ने भारत के पहले त्रि-विमीय-प्रिंटेड आवास के साथ-साथ पीपीई को सुरक्षित रूप से हटाने के लिए पहले त्रि-विमीय प्रिंटेड डॉफिंग यूनिट का निर्माण किया। पांच संस्थानों में आशा-भारत केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें चार आईआईटी (मद्रास, खड़गपुर, बॉम्बे और रुड़की) और सीएसआईआर-एनईआईएसटी, जोरहाट शामिल है।
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के भवन निर्माण सामग्री और प्रौद्योगिकी संवर्धन परिषद (बीएमटीपीसी) के कार्यकारी निदेशक शैलेश के आर अग्रवाल ने कहा कि पीएमएवाई-यू के तहत मंत्रालय आशा पहल चला रहा है। उन्होंने कहा कि इस पहल के तहत आने वाले दिनों में आवास क्षेत्र से संबंधित किसी भारतीय व्यक्ति के विचारों-प्रयासों को स्टार्ट-अप स्तर से पोषित किया जाएगा और सहायता प्रदान की जाएगी ताकि नवोन्मेष हो सके।
भाषा संतोष नरेश
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