आईएमए ने सभी मधुमेह रोगियों को कोविड-19 रोधी टीका लगाए जाने पर जोर दिया |

आईएमए ने सभी मधुमेह रोगियों को कोविड-19 रोधी टीका लगाए जाने पर जोर दिया

आईएमए ने सभी मधुमेह रोगियों को कोविड-19 रोधी टीका लगाए जाने पर जोर दिया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:54 PM IST, Published Date : November 14, 2021/6:35 pm IST

नयी दिल्ली, 14 नवंबर (भाषा) मधुमेह से संबंधित संवेदनशीलता और जटिलता को देखते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने सभी मधुमेह रोगियों के लिए रविवार को कोविड रोधी टीकाकरण की मांग की जिसमें आवश्यकता पड़ने पर टीके की तीसरी खुराक दिए जाने की मांग भी शामिल है।

आईएमए ने आज वॉकथॉन, मैराथन, स्क्रीनिंग कैंप और सोशल मीडिया मुहिम के साथ मधुमेह की जटिलताओं का जल्द पता लगाने और उन्हें कम करने के लिए अभियान शुरू किया। अभियान में युवा डॉक्टरों के बीच शोधपत्र को बढ़ावा देने और अस्पतालों में ‘‘गहन’’ व्यक्तिगत हस्तक्षेप का मुद्दा भी शामिल है।

संगठन ने एक बयान में कहा कि विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर शुरू किया गया यह अभियान 10 दिन तक चलेगा और इसका लक्ष्य एक अरब लोगों तक पहुंचना है।

अभियान के तहत आईएमए ने भारत के चिकित्सकों के संगठनों, रिसर्च सोसाइटी फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया (आरएसएसडीआई), एंडोक्राइन सोसाइटी और कई अन्य विशिष्ट संगठनों से हाथ मिलाया है।

आईडीएफ डायबिटीज एटलस के 10वें संस्करण के आंकड़ों के अनुसार, मधुमेह के कारण 2021 में विश्व में 67 लाख लोगों की मौत हुई और दुनिया भर में 53.7 करोड़ वयस्क (20 से 79 वर्ष की आयु) वर्तमान में इस स्थिति के साथ जी रहे हैं।

बयान में कहा गया है कि इनकी संख्या 2030 तक 64.3 करोड़ और 2045 तक 78.4 करोड़ तक बढ़ने का अनुमान है। भारत में 7.7 करोड़ से अधिक वयस्क मधुमेह से ग्रसित हैं और अनुसंधानकर्ताओं का अनुमान है कि 2045 तक यह बढ़कर 13.4 करोड़ हो जाएगी।

विश्व मधुमेह दिवस, वर्ष 2006 में संयुक्त राष्ट्र के संकल्प 61/225 के पारित होने के साथ एक आधिकारिक संयुक्त राष्ट्र दिवस बन गया। यह हर साल 14 नवंबर को सर फ्रेडरिक बैंटिंग के जन्मदिन पर आयोजित किया जाता है, जिन्होंने 1922 में चार्ल्स बेस्ट के साथ मिलकर इंसुलिन की खोज की थी। विश्व मधुमेह दिवस 2021-23 का विषय ‘मधुमेह देखभाल तक पहुंच’ है।

डॉक्टरों की संस्था ने कहा कि इंसुलिन की खोज के 100 साल बाद भी दुनिया में मधुमेह से पीड़ित लाखों लोगों को उस तरह की देखभाल नहीं मिल पाती है, जिसकी उन्हें जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि इसके रोगियों को अपनी स्थिति का प्रबंधन करने और जटिलताओं से बचने के लिए निरंतर देखभाल और समर्थन की आवश्यकता होती है।

लोगों को मधुमेह और इससे होने वाली जटिलताओं के बारे में जागरूक करने के लिए सप्ताह के दौरान विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। 2021 की समीक्षा के अनुसार, भारत में शहरों और महानगरीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में मधुमेह होने की संभावना पहले से कहीं अधिक है। यह गतिहीनता, तनाव, जंक फूड, धूम्रपान और शराब के सेवन वाली नगरीय जीवनशैली के कारण है।

बयान में कहा गया है कि इन सभी कारणों से व्यक्ति के ‘बॉडी मास इंडेक्स’ (बीएमआई) में वृद्धि होती है, जो मधुमेह पैदा करने में एक प्रमुख जोखिम कारक है। कुल मिलाकर पुरुषों की तुलना में महिलाओं में मधुमेह पनपने का खतरा अधिक होता है।

एसोसिएशन ने कहा कि अगर उचित देखभाल की जाए तो ऐसी जटिलताओं को रोका जा सकता है। रोगियों की आहार संबंधी आदतों में सुधार के लिए आईएमए ने भारत सरकार के खाद्य सुरक्षा विभाग के साथ भी हाथ मिलाया है और ‘राइट इट कैंपेन’ का प्रचार किया है।

इसके तहत, आईएमए एफएसएसएआई की मदद से प्रत्येक राज्य में प्रशिक्षकों को पढ़ाने के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है, ताकि वे अपने संबंधित राज्यों में लोगों का उनके आहार के बारे में मार्गदर्शन कर सकें।

भाषा सुरभि नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)