सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, उच्च जाति के व्यक्ति पर मुकदमे का आधार शिकायतकर्ता का सिर्फ एससी या एसटी होना पर्याप्त नहीं

सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, उच्च जाति के व्यक्ति पर मुकदमे का आधार शिकायतकर्ता का सिर्फ एससी या एसटी होना पर्याप्त नहीं

सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, उच्च जाति के व्यक्ति पर मुकदमे का आधार शिकायतकर्ता का सिर्फ एससी या एसटी होना पर्याप्त नहीं
Modified Date: November 29, 2022 / 07:49 pm IST
Published Date: November 6, 2020 10:36 am IST

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि किसी उच्च जाति के शख्स पर एससी/एसटी एक्ट में मुकदमे चलाने का आधार सिर्फ ये नहीं हो सकता कि शिकायतकर्ता एससी या एसटी से है। कोर्ट ने कहा कि, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत अपराध केवल इस तथ्य पर स्थापित नहीं होता कि सूचनादाता अनुसूचित जाति का सदस्य है, जब तक कि एससी एसटी के सदस्य को उसकी जाति को आधार बनाकर अपमानित करने का कोई इरादा नहीं हो।

ये भी पढ़ें:कर्नाटक सरकार दीपावली के दौरान पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाएगी: मुख्यमं…

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से संबंधित किसी व्यक्ति के खिलाफ घर की चारदीवारी के अंदर किसी गवाह की अनुपस्थिति में की गई अपमानजनक टिप्पणी अपराध नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यक्ति के खिलाफ एससी-एसटी कानून के तहत लगाए गए आरोपों को रद्द करते हुए ये टिप्पणी की। जिसने घर के अंदर एक महिला को कथित तौर पर जातिसूचक गाली दी थी। अदालत ने कहा कि किसी व्यक्ति का अपमान या धमकी अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति कानून के तहत अपराध नहीं होगा। जब तक कि इस तरह का अपमान या धमकी पीड़ित के अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से संबंधित होने के कारण नहीं है।

 ⁠

ये भी पढ़ें: कोरोना वायरस के डर से सूने पड़े दिल्ली में मिट्टी के बर्तनों के बाजार

जस्टिस एल नागेश्वर राव की अगुवाई वाली पीठ ने कहा, तथ्यों के मद्देनजर हम पाते हैं कि अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) कानून, 1989 की धारा 3 (1) (आर) के तहत अपीलकर्ता के खिलाफ आरोप नहीं बनते हैं। इसलिए मामले में दाखिल आरोप पत्र को रद किया जाता है। आरोपित व्यक्ति के खिलाफ अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर मुकदमा चलाया जा सकता है। इस संबंध में प्राथमिकी की कानून के अनुसार सक्षम अदालत अलग से सुनवाई करें।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com