असम में कांग्रेस व एआईयूडीएफ के एक वर्ग ने भाजपा से सांठगांठ की हुई है: सुष्मिता देव |

असम में कांग्रेस व एआईयूडीएफ के एक वर्ग ने भाजपा से सांठगांठ की हुई है: सुष्मिता देव

असम में कांग्रेस व एआईयूडीएफ के एक वर्ग ने भाजपा से सांठगांठ की हुई है: सुष्मिता देव

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:31 PM IST, Published Date : August 26, 2021/6:19 pm IST

(प्रदीप्त तापदार)

कोलकाता, 26 अगस्त (भाषा) तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता सुष्मिता देव ने असम में कांग्रेस और एआईयूडीएफ के एक वर्ग पर भाजपा के साथ सांठगांठ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य और पूर्वोत्तर में विपक्ष की जगह खाली है जिसे उनकी नई पार्टी भर सकती है।

देव कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ताओं में से एक थी और उसकी महिला इकाई की प्रमुख थीं । वह पिछले हफ्ते टीएमसी में शामिल हो गईं।

उन्हें लगता है कि उनका टीएमसी में शामिल होना राष्ट्रीय स्तर पर दोनों दलों के बीच गठबंधन के आड़े नहीं आएगा क्योंकि ‘राजनीति दया से जुड़ी नहीं है।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस भी अन्य दलों के लोगों को अपनी पार्टी में शामिल कर रही है।

देव ने ’पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, “यह वास्तव में मेरे तीस साल के राजनीतिक करियर में एक बड़ा बदलाव और कदम है। राजनीति प्रासंगिक रहने और लोगों की सेवा करने के बारे में भी है। कांग्रेस ने पार्टी के अधिक हित में जो कुछ फैसले लिए, उनका उस क्षेत्र में नकारात्मक प्रभाव पड़ा, जहां से मैं आती हूं। मुझे लगा था कि अगर हम 2021 का (असम का) चुनाव हार गए, तो हमारे पास मतदाताओं से हमें फिर से वोट देने के लिए कहने का मुंह नहीं रहेगा।”

असम के सिलचर से कांग्रेस की पूर्व सांसद ने असम और पूर्वोत्तर में भाजपा के खिलाफ लड़ने के कांग्रेस और एआईयूडीएफ जैसे विपक्षी दलों के ‘इरादे’ पर सवाल उठाया।

उन्होंने कहा, “हमने भाजपा को हराने के लिए असम में गठबंधन किया। लेकिन मनोबल गिराने वाली बात यह थी कि हमारे चुनाव हारने के बाद कांग्रेस, एआईयूडीएफ और कुछ अन्य विपक्षी दलों के कई नेता मुख्यमंत्री की तारीफ करने लगे। इन विपक्षी दलों के नेताओं के एक वर्ग ने (असम के मुख्यमंत्री ) हिमंत बिस्व सरमा के साथ सांठगांठ की हुई है।”

देव ने कहा, “मेरा सवाल है कि अगर मुख्यधारा के विपक्षी दलों ने ही भाजपा से हाथ मिला लिया है तो असम में विपक्ष कहां बचा। भाजपा की जनविरोधी नीतियों का विरोध कौन करेगा?”

यह उल्लेख करते हुए कि असम और पूर्वोत्तर में कांग्रेस का पुनरुद्धार एक कठिन काम है, देव ने कहा, ‘कुछ हार ऐसी होती हैं जिन के बाद आप उबर सकते हैं और अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं, और कुछ हारें ऐसी होती हैं जिनके बाद वापसी करना मुश्किल होता है।”

यह पूछे जाने पर कि उन्हें टीएमसी में शामिल होने के लिए किस चीज़ ने प्रेरित किया, तो उन्होंने कहा कि उनकी पूर्व पार्टी इस क्षेत्र में भाजपा को टक्कर देने की स्थिति में नहीं है।

देव ने कहा, “मेरी विचारधारा को बदलने का सवाल ही पैदा नहीं होता था। मैं भाजपा विरोधी हूं और उनकी विभाजनकारी राजनीति का विरोध करती रहूंगी। पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के बाद, कांग्रेस असम, पुडुचेरी, केरल में हार गई… लेकिन ममता दीदी (बंगाल की मुख्यमंत्री) ने चुनाव जीता और भाजपा का रथ रोका। वह अपनी शानदार जीत के बाद एक राष्ट्रीय नेता हैं।”

उन्होंने कहा कि दशकों तक असम पर शासन करने वाली कांग्रेस ‘कन्फूज़्ड’ है। देव ने कहा, “असम में विपक्ष को लेकर खालीपन है और टीएमसी इस कमी को पूरा करेगी। वे इसे लेकर गंभीर है।”

उन्होंने कहा कि टीएमसी, ममता बनर्जी और पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में भाजपा से लड़ने को लेकर गंभीर हैं, लेकिन फिलहाल सारा ध्यान 2023 में त्रिपुरा में होने वाले विधानसभा चुनावों पर है।

पूछा गया कि अगर लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों का गठबंधन आकार लेता है तो उसका नेता कौन होगा, तो उन्होंने कहा कि इस पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी, क्योंकि लोकसभा चुनाव अभी तीन साल का समय है।

असम में सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर बोलते हुए, देव ने कहा कि सीएए भाजपा की ओर से पेश आधा-अधूरा समाधान है, लेकिन उन्होंने कहा कि असम में एनआरसी के तहत राज्यविहिन लोगों के मुद्दे का निदान किया जाना है। टीएमसी ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) एवं राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) दोनों का ही विरोध किया है।

देव ने कहा, “मैं न तो सीएए के पक्ष में हूं और न ही विरोध में। सीएए ने असम में भावनाएं भड़काईं , जो भाजपा चाहती थी। अब जबकि चुनाव खत्म हो गए है, वे चुप हो गए हैं। यह आधा अधूरा हल है । मैंने कहा था कि जो लोग असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी में शामिल नहीं हुए हैं, वे राज्यविहीन नहीं रह सकते हैं। संवैधानिक ढांचे में इसका समाधान होना चाहिए। लेकिन भाजपा ने मेरे बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया।”

भाषा

नोमान उमा

उमा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)