स्वच्छता अभियान में डाक विभाग ने सील करने की परंपरागत शैली को बंद किया |

स्वच्छता अभियान में डाक विभाग ने सील करने की परंपरागत शैली को बंद किया

स्वच्छता अभियान में डाक विभाग ने सील करने की परंपरागत शैली को बंद किया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:17 PM IST, Published Date : November 4, 2022/8:28 pm IST

नयी दिल्ली, चार नवंबर (भाषा) सरकार ने शुक्रवार को बताया कि हाल में संपन्न हुए महीने भर के स्वच्छता अभियान के दौरान डाक विभाग द्वारा सील करने की परंपरागत पद्धति को बंद कर दिया गया। इस स्वच्छता अभियान के तहत 300 से अधिक ऐसे कदम उठाए गए हैं।

बेंगलुरू रेलवे स्टेशन पर प्लास्टिक की बोतलों से प्लास्टिक राक्षस की मूर्ति का निर्माण और गुंटूर रेलवे स्टेशन पर नए रेल कोच रेस्तरां की स्थापना भी इन बेहतरीन कदमों की सूची में शामिल हैं।

कार्मिक मंत्रालय ने दो अक्टूबर से 31 अक्टूबर के बीच देश भर में 99,633 स्थलों पर आयोजित देश के सबसे बड़े स्वच्छता अभियान के ‘नतीजे और बेहतरीन उपायों’ पर एक रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट के अनुसार डाक विभाग ने सील करने के परंपरागत कदम को बंद करने और इसके स्थान पर पुनर्चक्रण योग्य सील के उपयोग का फैसला किया है।

सरकार ने अपनी रिपोर्ट में पुराने फर्नीचर का नवीनीकृत कर कोलकाता जनरल पोस्ट ऑफिस (जीपीओ) में पार्सल कैफे खोलने की डाक विभाग की पहल का भी हवाला दिया।

विशेष स्वच्छता अभियान 2.0 के नतीजों और इस दौरान अपनाए गए बेहतरीन उपायों के संबंध में मीडियाकर्मियों को जानकारी देने के लिए यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह ‘स्वच्छता’ को संस्थागत बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को साकार करने में अत्यधिक सफल रहा है।

सिंह ने कहा कि अभियान के दौरान कबाड़ के निस्तारण से 364.53 करोड़ रुपये की कमाई हुई और 88.05 लाख वर्ग फुट से अधिक जगह खाली की गई। उन्होंने कहा, ‘‘यह देश का सबसे बड़ा कार्यालय स्वच्छता अभियान था। इससे संबंधित लोगों में व्यवहारगत बदलाव आया। हालांकि अभियान आधिकारिक तौर पर खत्म हो गया है लेकिन सफाई का काम आगे भी जारी रहेगा।’’

भाषा अविनाश माधव

माधव

 

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