नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को पेश किए गए आम बजट के अनुसार, भ्रष्टाचार रोधी लोकपाल को उसकी स्थापना और निर्माण संबंधी खर्चों के लिए 2022-23 में 34 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
चालू वित्त वर्ष के लिए इसे 39.67 करोड़ रुपये दिए गए थे। बहरहाल, 2021-22 के लिए बजटीय प्रावधान को संशोधन के बाद कम करके 26 करोड़ रुपये कर दिया गया।
केंद्रीय बजट 2022-23 के अनुसार, अगले वित्त वर्ष के लिए भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल को कुल 34 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। बजट के अनुसार, यह प्रावधान लोकपाल की स्थापना और निर्माण से संबंधित व्यय के लिए है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 23 मार्च, 2019 को न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष को लोकपाल के अध्यक्ष पद की शपथ दिलाई थी। लोकपाल सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने वाला शीर्ष निकाय है। न्यायमूर्ति घोष ने उसी साल 27 मार्च को लोकपाल के आठ सदस्यों को शपथ दिलाई थी।
केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को 2022-23 के लिए 41.96 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह प्रावधान आयोग के सचिवालय खर्चे के लिए है।
उसे 2021-22 के लिए 38.67 करोड़ रुपये दिए गए थे, जिसे संशोधित कर 38.63 करोड़ रुपये कर दिया गया।
भाषा सिम्मी दिलीप
दिलीप
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