नयी दिल्ली, 10 मई (भाषा) भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने आठ महिला कर्मियों के ऐसे बैच को शामिल करने का फैसला किया है, जिसे विभिन्न सुरक्षा अभियानों के लिए तैनात किए जाने वाले श्वान दस्तों की ‘हैंडलर’ (प्रशिक्षक) बनने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। केंद्रीय अर्द्धसैन्य बलों में महिलाओं का यह पहला बैच होगा, जिसे यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
इस समय केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) में श्वान दस्तों के सभी प्रशिक्षक पुरुष हैं।
जिन महिला कर्मियों का इसके लिए चयन किया गया है, वे कांस्टेबल रैंक की हैं और बल के ‘पशु परिवहन’ काडर से संबंधित हैं, जिसे भारत के पूर्वी मोर्चे पर 1962 में चीन के आक्रमण के मद्देनजर बनाया गया था। ये आठ महिलाएं 25 कर्मियों की उस टीम का हिस्सा होंगी, जिसे इस महीने के अंतिम सप्ताह में हरियाणा में पंचकूला के भानु इलाके में आईटीबीपी द्वारा संचालित राष्ट्रीय श्वान प्रशिक्षण केंद्र (एनटीसीडी) में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
आईटीबीपी के उप महानिरीक्षक (पशु चिकित्सा) सुधाकर नटराजन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘इससे बाधाओं को तोड़ने, मानसिकता को बदलने और यह साबित करने के लिए एक लंबा रास्ता तय करने में मदद मिलेगी कि सुरक्षा बलों में कोई ऐसा काम नहीं है जो महिलाएं न कर सकें। आईटीबीपी ने के9 (श्वान) शाखा में महिलाओं को शामिल करके अवरोध को दूर कर दिया है।’’
भाषा सिम्मी नरेश
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