जालंधर से सांसद रिंकू ने आप से इस्तीफा दिया, पार्टी ने बताया लोगों से विश्वासघात |

जालंधर से सांसद रिंकू ने आप से इस्तीफा दिया, पार्टी ने बताया लोगों से विश्वासघात

जालंधर से सांसद रिंकू ने आप से इस्तीफा दिया, पार्टी ने बताया लोगों से विश्वासघात

:   Modified Date:  March 27, 2024 / 09:00 PM IST, Published Date : March 27, 2024/9:00 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

चंडीगढ़, 27 मार्च (भाषा) पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल होने के एक साल से भी कम समय में जालंधर के मौजूदा सांसद सुशील रिंकू ने बुधवार को पार्टी छोड़ दी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए।

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले रिंकू के इस फैसले से अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी को झटका लगा है क्योंकि आप ने उम्मीदवारों की पहली सूची में उन्हें जालंधर से दोबारा अपना उम्मीदवार बनाया था।

आप के एकमात्र लोकसभा सदस्य रिंकू बुधवार को दिल्ली में जालंधर पश्चिम से पार्टी विधायक शीतल अंगुराल के साथ भाजपा में शामिल हो गए।

आप की पंजाब इकाई के मुख्य प्रवक्ता मालविंदर सिंह कंग ने रिंकू की भाजपा में शामिल होने पर आलोचना की। उन्होंने इसे जनता से विश्वासघात करार दिया। कंग ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ जनता इस विश्वासघात के लिए उन्हें सबक सिखाएगी।’’

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रिंकू और अंगुराल को पार्टी छोड़ने पर आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि वह पंजाब के गौरव और सम्मान की रक्षा के लिए हमेशा प्रतिबद्ध हैं।

‘आप’ ने उन्हें ‘गद्दार’ कहते हुए कहा कि रिंकू को पंजाब विधानसभा चुनाव में लोगों ने हरा दिया था, लेकिन ‘आप’ ने उन्हें चुना और जालंधर से सांसद बनाया।

पार्टी द्वारा जारी बयान में कहा गया, ‘‘अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान दोनों ने उनके लिए प्रचार किया और उन्हें भारी जीत दिलाने में मदद की। वह गद्दार निकले…लेकिन उनके विश्वासघात को देखने के बाद जालंधर के लोग उन्हें पूरी तरह से खारिज कर देंगे।’’

रिंकू ने पिछले साल पांच अप्रैल को जालंधर में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की मौजूदगी में आप में शामिल होने के लिए कांग्रेस छोड़ दी थी।

‘आप’ ने रिंकू को उपचुनाव में जालंधर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा और उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार करमजीत कौर चौधरी को 58,691 मतों के अंतर से शिकस्त दी।

पिछले कई दिनों से उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें चल रही थीं।

दिल्ली में बुधवार को भाजपा में शामिल होने के बाद रिंकू ने कहा, ‘‘उपचुनाव के दौरान जो वादे किए गए थे, उन्हें पूरा नहीं किया जा सका क्योंकि मेरी (आप) सरकार ने मेरा समर्थन नहीं किया। चाहे वह जालंधर में सड़कों, गांव के तालाबों से जुड़े काम हों।ये पूरे नहीं हो सके।’’

रिंकू ने कुछ दिन पहले एक टीवी चैनल से बात करते हुए कांग्रेस के साथ गठबंधन की वकालत भी की थी। आम आदमी पार्टी पंजाब में अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ रही है।

दलित नेता रिंकू ने अपना राजनीतिक करियर नगर निगम पार्षद के रूप में शुरू किया। वह 2017 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने। हालांकि, उन्हें 2022 के विधानसभा चुनाव में आप उम्मीदवार शीतल अंगुराल से हार का सामना करना पड़ा।

भाषा धीरज माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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