जेएनयू कभी भी ‘‘राष्ट्र-विरोधी’’ या ‘‘टुकड़े-टुकड़े’’ गिरोह का हिस्सा नहीं था : कुलपति शांतिश्री |

जेएनयू कभी भी ‘‘राष्ट्र-विरोधी’’ या ‘‘टुकड़े-टुकड़े’’ गिरोह का हिस्सा नहीं था : कुलपति शांतिश्री

जेएनयू कभी भी ‘‘राष्ट्र-विरोधी’’ या ‘‘टुकड़े-टुकड़े’’ गिरोह का हिस्सा नहीं था : कुलपति शांतिश्री

:   Modified Date:  April 18, 2024 / 04:54 PM IST, Published Date : April 18, 2024/4:54 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

नयी दिल्ली, 18 अप्रैल (भाषा) जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की कुलपति शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने बृहस्पतिवार को कहा कि जेएनयू कभी भी ‘‘राष्ट्र-विरोधी’’ या ‘‘टुकड़े-टुकड़े’’ गिरोह का हिस्सा नहीं था। उन्होंने कहा कि जेएनयू हमेशा असहमति, बहस और लोकतंत्र को बढ़ावा देता रहेगा।

पीटीआई मुख्यालय में एजेंसी के संपादकों के साथ बातचीत में जेएनयू की पहली महिला कुलपति शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने कहा कि जेएनयू का ‘‘भगवाकरण नहीं हुआ है’’ और इसके दिन-प्रतिदिन के कामकाज में केंद्र सरकार का कोई दबाव नहीं है।

जेएनयू की छात्रा रहीं पंडित ने स्वीकार किया कि जब उन्होंने कुलपति का कार्यभार संभाला तो परिसर में ध्रुवीकरण हो गया था और उन्होंने इस दौर को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ बताया। कुलपति ने दावा किया कि दोनों पक्षों (छात्रों और प्रशासन) से गलतियां हुईं और नेतृत्व ने हालात को संभालने में गलती की।

भाषा आशीष पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)