नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) केंद्र ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि ओसीआई कार्ड धारक अमेरिकी पत्रकार अंगद सिंह को पत्रकारिता वीजा प्राप्त करने से संबंधित आवेदन में तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने और कुछ मानदंडों का उल्लंघन करने के चलते काली सूची में डाला गया है।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने निर्देश प्राप्त करने के लिए और यह पुष्टि करने के लिए केंद्र के वकील को समय दिया कि भारत का प्रवासी नागरिक (ओसीआई) कार्ड रद्द करने के लिए वृत्तचित्र निर्माता अंगद सिंह के खिलाफ कोई कार्यवाही शुरू की गई है या नहीं। अदालत ने केंद्र के वकील को इस संबंध में हलफनामा दायर करने को कहा।
अदालत ने उन्हें यह भी बताने को कहा कि क्या याचिकाकर्ता को कोई कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
उच्च न्यायालय सिंह को भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं दिए जाने के खिलाफ उनकी याचिका पर सुनवाई कर रहा था। सिंह को पिछले साल अगस्त में दिल्ली से न्यूयॉर्क वापस भेज दिया गया था।
अदालत ने कहा, ‘उपरोक्त निर्देशों को दो सप्ताह के अंदर एक हलफनामे के जरिए अदालत के समक्ष रखा जाए।’’ मामले में अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी।
केंद्र ने अदालत में दलील दी कि सिंह ने ‘इंडिया बर्निंग’ नामक वृत्तचित्र में भारत को ‘नकारात्मक तरीके’ से चित्रित किया था।
पत्रकार की ओर से पेश वकील स्वाति सुकुमार ने दलील दी कि नागरिकता कानून के प्रावधानों के तहत, ओसीआई कार्ड धारकों के पास धारा 7बी (2) के तहत उल्लिखित कुछ अधिकारों को छोड़कर भारत के संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त सभी अधिकार होते हैं।
उन्होंने दलील दी कि कानून की धारा 7डी के तहत ओसीआई कार्ड रद्द नहीं किए जा सकते और रद्द करने का कोई आदेश तब तक पारित नहीं किया जा सकता जब तक कि कार्डधारक को सुनवाई का उचित अवसर नहीं दिया जाता।
वकील ने दावा किया कि अंगद सिंह का ओसीआई कार्ड अब भी वैध है और केंद्र द्वारा दायर जवाबी हलफनामे के अनुसार, हालांकि उन्हें काली सूची में डाल दिया गया है, लेकिन उनका ओसीआई कार्ड रद्द नहीं किया गया है।
भाषा अविनाश नेत्रपाल
नेत्रपाल
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