हवाई अड्डे पर कश्मीरी पत्रकार को श्रीलंका की यात्रा करने से रोका गया |

हवाई अड्डे पर कश्मीरी पत्रकार को श्रीलंका की यात्रा करने से रोका गया

हवाई अड्डे पर कश्मीरी पत्रकार को श्रीलंका की यात्रा करने से रोका गया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:27 PM IST, Published Date : July 27, 2022/6:01 pm IST

नयी दिल्ली, 27 जुलाई (भाषा) राजधानी दिल्ली स्थित हवाई अड्डे पर आव्रजन अधिकारियों ने जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का हवाला देते हुए एक और कश्मीरी पत्रकार को विदेश यात्रा करने से रोक दिया। यह जानकारी अधिकारियों ने बुधवार को दी।

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के रहने वाले आकाश हसन मंगलवार शाम श्रीलंका जा रहे थे। उनका बोर्डिंग पास रद्द कर दिया गया और उन्हें विमान से उतार दिया गया।

हसन दूसरे कश्मीरी पत्रकार हैं जिन्हें इस महीने विदेश यात्रा करने से रोक दिया गया है। गत दो 2 जुलाई को, पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित कश्मीरी फोटो पत्रकार सना इरशाद मट्टू को उस समय रोक दिया गया जब वह एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम और एक तस्वीर प्रदर्शनी में हिस्सा लेने के लिए पेरिस जा रही थीं।

हसन ने अपने असत्यापित ट्विटर हैंडल पर बताया कि इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें कोलंबो जाने वाली उड़ान में सवार होने से रोक दिया।

ब्रिटेन स्थित ‘द गार्डियन’ समाचार पत्र के लिए लिखने वाले हसन ने कहा, ‘‘मैं देश में मौजूदा संकटों की रिपोर्टिंग करने के लिए जा रहा था।’’ उन्होंने कहा कि आव्रजन अधिकारियों ने उनका पासपोर्ट, बोर्डिंग पास ले लिया और उन्हें लगभग चार घंटे तक एक कमरे में बैठाये रखा। उन्होंने बताया कि इससे पहले एक एयरलाइन अधिकारी ने उन्हें सूचित किया कि उनका सामान विभाग के निर्देश पर उतार दिया गया है।

हसन ने कहा, ‘‘दो अधिकारियों ने मुझसे मेरी पृष्ठभूमि, यात्रा के उद्देश्य के बारे में पूछताछ की।’’ उन्होंने कहा कि लगभग पांच घंटे बाद, उन्हें उनका पासपोर्ट और बोर्डिंग पास एक लाल अस्वीकृति ठप्पे के साथ सौंपा गया, जिस पर ‘‘बिना किसी पूर्वाग्रह के रद्द’’ लिखा हुआ था।

हसन के पिता एक शिक्षक हैं। हसन ने तुर्की से स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख एवं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हसन को विदेश यात्रा से ऐसे समय रोका गया है जब भारत के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण ने कहा है कि स्वतंत्र पत्रकारिता लोकतंत्र की रीढ़ है।

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘यह कोई राज नहीं है कि भारत सरकार सच्चाई के प्रति असहिष्णुता के कारण हमारे लोकतंत्र की रीढ़ और चौथे स्तंभ को कुचलना चाहती है।’’

जम्मू कश्मीर पुलिस के अधिकारियों ने पुष्टि की कि हसन को ‘नो-फ्लाई लिस्ट’ में रखा गया था।

इससे पहले कुछ कश्मीरी पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और शिक्षाविदों को भी हवाई अड्डे पर रोका गया है।

भाषा अमित पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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