केजरीवाल ने गिरफ्तारी से महीनों पहले इंसुलिन लेना बंद कर दिया था: तिहाड़ प्रशासन की रिपोर्ट |

केजरीवाल ने गिरफ्तारी से महीनों पहले इंसुलिन लेना बंद कर दिया था: तिहाड़ प्रशासन की रिपोर्ट

केजरीवाल ने गिरफ्तारी से महीनों पहले इंसुलिन लेना बंद कर दिया था: तिहाड़ प्रशासन की रिपोर्ट

:   Modified Date:  April 20, 2024 / 08:39 PM IST, Published Date : April 20, 2024/8:39 pm IST

(फाइल फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (भाषा) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गिरफ्तारी से महीनों पहले इंसुलिन का इंजेक्शन लगवाना बंद कर दिया था और वह साधारण मधुमेह रोधी दवा ले रहे थे। अधिकारियों ने तिहाड़ जेल प्रशासन की ओर से उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना को भेजी गई एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए शनिवार को यह जानकारी दी।

आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी ने इसके जवाब में कहा कि रिपोर्ट ने भाजपा की ‘साजिश’ का ‘पर्दाफाश’ कर दिया है।

उन्होंने पूछा, ‘‘भाजपा के इशारे पर केजरीवाल को जेल में मारने की साजिश हो रही है। मुख्यमंत्री 12 साल से इंसुलिन ले रहे हैं, तिहाड़ प्रशासन को उन्हें इंसुलिन देने में क्या दिक्कत है?’’

दिल्ली की मंत्री ने यह भी दावा किया कि जेल जाने से पहले केजरीवाल रोजाना 50 यूनिट इंसुलिन लेते थे।

अधिकारियों ने तिहाड़ प्रशासन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि केजरीवाल ने कुछ महीने पहले इंसुलिन का इंजेक्शन लगवाना बंद कर दिया था और अपनी गिरफ्तारी के समय, वह ‘मेटफॉर्मिन’ नामक एक साधारण मधुमेह रोधी गोली का सेवन कर रहे थे।

केजरीवाल तेलंगाना के एक निजी चिकित्सक से मधुमेह का उपचार करा रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि तिहाड़ जेल में अपनी स्वास्थ्य जांच के दौरान केजरीवाल ने चिकित्सकों को बताया कि वह ‘‘पिछले कुछ वर्षों से इंसुलिन ले रहे थे और कुछ महीने पहले इसे लेना बंद कर दिया था।”

केजरीवाल को दिल्ली सरकार की रद्द हो चुकी आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। वह एक अप्रैल से तिहाड़ जेल में बंद हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल के मेडिकल रिकॉर्ड के अनुसार, केजरीवाल को ‘‘न तो किसी इंसुलिन की सलाह दी गई थी और न ही इंसुलिन की कोई आवश्यकता बताई गई थी।”

रिपोर्ट के अनुसार 10 और 15 अप्रैल को एक औषधि विशेषज्ञ ने मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य की समीक्षा की थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि विशेषज्ञ ने मधुमेह रोधी दवाएं लेने की सलाह दी थी और यह कहना गलत है कि इलाज के दौरान केजरीवाल को किसी भी समय इंसुलिन देने से इनकार किया गया था।

रिपोर्ट के अनुसार औषधि विशेषज्ञ ने केजरीवाल की जांच के बाद कहा, ‘‘न्यायिक हिरासत में रहने के बाद से विचाराधीन कैदी (केजरीवाल) के सभी स्वास्थ्य पहलुओं और महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखते हुए, उनके रक्त शर्करा का स्तर चिंताजनक नहीं है, और फिलहाल इंसुलिन का इंजेक्शन लगाने की आवश्यकता नहीं है।”

रिपोर्ट के अनुसार तिहाड़ प्रशासन ने ‘आप’ प्रमुख केजरीवाल के लिए आहार योजना तैयार करने का अनुरोध करते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को लिखे पत्र में कहा कि केजरीवाल नियमित रूप से उच्च कॉलेस्ट्रॉल वाली चीजें मिठाई, लड्डू, केले, आम, फलों की चाट, तला हुआ भोजन, नमकीन, भुजिया, मीठी चाय, पूड़ी-आलू, अचार का सेवन कर रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एम्स द्वारा प्रदान की गई आहार योजना में ऐसे अधिकांश खाद्य पदार्थों के सेवन से सख्ती से बचने की सलाह दी गई है।

तिहाड़ प्रशासन के अनुसार केजरीवाल को अपने भोजन में प्रति दिन केवल 20 मिलीलीटर तेल का सेवन करने की अनुमति है।

तिहाड़ प्रशासन ने कहा है कि सरकारी परिपत्र के मुताबिक केजरीवाल को किसी भी निजी अस्पताल में नहीं भेजा जा सकता जबकि केजरीवाल अपने चिकित्सक के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कराने की मांग कर रहे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जेल डिस्पेंसरी में इंसुलिन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और केजरीवाल को ‘जब आवश्यकता होगी’, इंसुलिन दिया जाएगा।

भाषा जोहेब धीरज

धीरज

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)