तिरुवनंतपुरम, 14 सितंबर (भाषा) केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य भर में 13,500 परिवारों को जमीन का स्वामित्व या ‘पट्टायम’ सौंपने की शुरुआत करते हुए मंगलवार को कहा कि वाम सरकार अतिक्रमणकारियों और बसने वाले किसानों के साथ एक समान व्यवहार नहीं करती है।
विजयन ने कहा कि उनकी सरकार उन किसानों के दर्द को समझती है जो मिट्टी में मेहनत करते हैं।
विजयन ने कहा, ‘अतिक्रमणकारी और बसने वाले किसान अलग हैं। हम उनके साथ एक समान व्यवहार नहीं करते हैं। हम मिट्टी में मेहनत करने वालों के प्रयास और दर्द को समझते हैं और इसलिए यह सरकार कम समय में लाभ देने में सक्षम हो पायी है।’
भूमिहीन परिवारों को भूमि स्वामित्व सौंपने के कार्यक्रम को वाम सरकार द्वारा आयोजित सबसे ‘सार्थक कार्यों’ में से एक बताते हुए, विजयन ने कहा कि भूमिहीनों को दी जाने वाली भूमि की पहचान करने और उन्हें सौंपने के लिए एक भूमि बैंक का गठन किया जाएगा।
विजयन ने कहा, ‘सरकार अधिशेष राजस्व भूमि और अवैध रूप से कब्जा की गई भूमि का पता लगाने के लिए कदम उठाएगी। भूमिहीन लोगों की पहचान करने और उन्हें जमीन उपलब्ध कराने के लिए एक भूमि बैंक का गठन किया जाएगा। इस उद्देश्य के लिए पूरे केरल का एक डिजिटल सर्वेक्षण चार साल में किया जाएगा।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल सर्वेक्षण और भूमि बैंक के लिए केरल के पुनर्निर्माण पहल के तहत 339 करोड़ रुपये की पहली किस्त मंजूर की गई है।
अगले पांच वर्षों में राज्य में सभी भूमिहीन लोगों को भूमि और आवास सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार की पहल के तहत, 13,500 परिवारों को भूमि या ‘पट्टायम’ का स्वामित्व दिया गया।
भूमि आवंटन के लिए ‘पट्टायम मेला’ राज्य के 14 जिला केंद्रों और 77 तालुक केंद्रों में आयोजित किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के सामने सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्यों में से एक अगले पांच वर्षों के भीतर सभी पात्र लोगों को भूमि आवंटित करना और इसी अवधि के भीतर सभी अनुसूचित जाति परिवारों को घर प्रदान करना है।
भाषा कृष्ण
कृष्ण दिलीप
दिलीप
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