Lyricist Manoj Muntashir calls Mughals 'dacoits' | 'Mughals' started trending

गीतकार मनोज मुंतशिर ने मुगलों को बताया ‘डकैत’, वीडियो वायरल होने के बाद ट्रेंड करने लगा ‘मुगल्स’, मचा हंगामा

मुगलों को ‘डकैत’ बताने वाला वीडियो जारी करने पर गीतकार मनोज मुंतशिर की आलोचना Lyricist Manoj Muntashir calls Mughals 'dacoits' 'Mughals' started trending after the video went viral uproar

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:52 PM IST, Published Date : August 26, 2021/8:20 pm IST

मुंबई, 26 अगस्त (भाषा) हिंदी फिल्मों के गीतकार मनोज मुंतशिर ने मुगल बादशाहों की तुलना “डकैतों” से करने वाला एक वीडियो जारी किया था जिसके बाद  गुरुवार को फिल्मोद्योग के उनके कई सहकर्मियों ने ट्विटर के जरिये उन पर “घृणा” फैलाने का आरोप लगाया। “केसरी” और “भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया” जैसी फिल्मों के लिए गीत लिखने वाले मुंतशिर ने 24 अगस्त को ट्विटर पर “आप किसके वंशज हैं?” शीर्षक वाला एक विवादास्पद वीडियो डाला था। फिल्मकार विवेक रंजन अग्निहोत्री समेत कुछ लोगों ने इस वीडियो के लिए उनका समर्थन भी किया।

एक मिनट के वीडियो में मुंतशिर यह कहते हुए सुना जा सकता है कि देश को गलत बातें बताई गईं और अकबर, हुमायूं, जहांगीर जैसे “महिमामंडित किये गए डकैतों” के नाम पर सड़कों का नामकरण किया गया। अभिनेत्री ऋचा चड्ढा ने मनोज के उपनाम ‘मुंतशिर’ का हवाला देते हुए कहा, “शर्मसार करने वाला। बुरी कविता। देखने लायक नहीं है। अपना उपनाम भी हटा देना चाहिए। जिस चीज से घृणा हो उससे फायदा क्यों लेना।”

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मध्य प्रदेश के निवासी 45 वर्षीय मनोज ने अपना उपनाम शुक्ला हटा कर “मुंतशिर” रख लिया था, रेख्ता शब्दकोश के अनुसार जिसका अर्थ ‘बिखरा हुआ’ है। “मसान” फिल्म के निर्देशक नीरज घायवन ने मनोज की कविता के लिए उनकी आलोचना की और कहा, “कट्टरता के साथ जातिवाद का समावेश।” गीतकार और लेखक मयूर पुरी ने कहा कि लेखकों को अपने काम के जरिये घृणा फैलाने का कार्य नहीं करना चाहिए।

ट्विटर पर घमासान मचने के बाद ‘मुगल्स’ ‘ट्रेंड’ करने लगा और इस विषय पर 20 हजार से ज्यादा ट्वीट किये गए। “मुक्काबाज” के गीतकार हुसैन हैदरी ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब मुंतशिर ने घृणा या झूठ फैलाने का काम किया है। विवाद में कूदते हुए इतिहासकार एस इरफान हबीब ने कहा कि मुंतशिर जैसे लेखकों को “विषवमन” करते और “झूठे तथा काल्पनिक तर्कों को इतिहास के तौर पर पेश करते हुए” देखने पर निराशा हुई।

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ट्विटर प्रयोग करने वालों का एक वर्ग मुंतशिर के समर्थन में आया और कहा गया कि लेखक ने केवल लोगों को देश और मुगलों के “भूले हुए वास्तविक इतिहास से परिचय कराया है।” फिल्मकार अग्निहोत्री ने ट्वीट किया, “मनोज मुंतशिर सार्वजनिक रूप से अपनी कविताओं में अपना नजरिया निडर होकर पेश करते रहे हैं। आप नहीं जानते इसका यह मतलब नहीं है कि वह अचानक से बदल गए हैं।”

 

 
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