महादेव एप मामला : ईडी ने धनशोधन के मामले में दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया |

महादेव एप मामला : ईडी ने धनशोधन के मामले में दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया

महादेव एप मामला : ईडी ने धनशोधन के मामले में दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया

:   Modified Date:  March 8, 2024 / 08:27 PM IST, Published Date : March 8, 2024/8:27 pm IST

नयी दिल्ली, आठ मार्च (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को बताया कि महादेव एप से जुड़े धनशोधन के मामले में दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

आरोप है कि इस मामले में छत्तीसगढ़ के कई बड़े नेताओं और नौकरशाहों की संलिप्तता है।

ईडी ने बताया कि गिरिश तलरेजा और सूरज चोखानी को क्रमश: दो और तीन मार्च को हिरासत में लिया गया था। एजेंसी ने बताया कि विशेष धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की अदालत ने उन्हें 11 मार्च तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया।

ईडी के मुताबिक मामले में अबतक 11 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

ईडी ने बताया कि तलरेजा के पास महादेव ऑनलाइन बुक (एमओबी) एप की सहयोगी कंपनी ‘लोटस365’ में हिस्सेदारी थी। एजेंसी ने आरोप लगाया कि वह ‘लोटस365’ के अवैध संचालन में रतन लाल जैन उर्फ अमन और एमओबी के मुख्य प्रवर्तक सौरभ चंद्राकर के साथ हिस्सेदार हैं।

ईडी ने दावा किया, ‘‘ तलरेजा ने ‘लोटस365’ के अवैध संचालन से हुई कमाई का धनशोधन कर सफेद धन बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई। इस शाखा द्वारा प्रति माह 50 करोड़ रुपये की सट्टेबाजी से प्राप्त नकदी का लेनदेन किया जाता था और वह इस शाखा के ‘कैश हैंडलिंग व्हाट्सएप ग्रुप’ के सदस्यों में से एक था।’’

एजेंसी के मुताबिक एक मार्च को पुणे में ‘लोटस365’ की शाखाओं में तलाशी ली और एक करोड़ रुपये नकद जब्त किए।

एजेंसी ने 28 फरवरी को दुबई स्थित ‘‘हवाला कारोबारी’’ हरि शंकर टिबरेवाल के कोलकाता स्थित परिसर पर भी छापेमारी की कार्रवाई की। ईडी के मुताबिक टिबरेवाल ने सट्टेबाजी वेबसाइट ‘स्काईएक्सचेंज’ के अवैध संचालन में एमओबी के प्रवर्तकों के साथ भागीदारी की थी।

ईडी ने बताया, ‘‘ टिबरेवाल ने भारतीय कंपनियों के लिए शेयर निवेश की आड़ में अपराध की आय को वैध बनाने और छिपाने के लिए सूरज चोखानी का इस्तेमाल किया। कोलकाता में चोखानी के परिसरों की तलाशी में पाया गया कि इन निवेशों का प्रमुख स्रोत इन कंपनियों में नकदी के बदले बैंक प्रविष्टियां प्राप्त करना और शेयर बाजार में निवेश के लिए आय का उपयोग करना है।’’

एजेंसी के मुताबिक टिबरेवाल के सहयोगियों के नियंत्रण वाली भारतीय कंपनियों के पास 29 फरवरी तक स्टॉक के रूप में लगभग 580 करोड़ रुपये की प्रतिभूतियां थीं और विदेशी संस्थाओं ने भी एफपीआई के माध्यम से भारत में निवेश किया था और उसी तारीख तक, उनके पास प्रतिभूतियां पाई गईं। एजेंसी ने कहा, स्टॉक पोर्टफोलियो में प्रतिभूतियों का मूल्य 606 करोड़ रुपये है।

भाषा धीरज माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)