प्रधानमंत्री कुसुम योजना के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करने के आरोपी को नहीं मिली अग्रिम जमानत |

प्रधानमंत्री कुसुम योजना के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करने के आरोपी को नहीं मिली अग्रिम जमानत

प्रधानमंत्री कुसुम योजना के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करने के आरोपी को नहीं मिली अग्रिम जमानत

:   Modified Date:  September 13, 2023 / 10:12 PM IST, Published Date : September 13, 2023/10:12 pm IST

नयी दिल्ली, 13 सितंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने केंद्र की प्रधानमंत्री-कुसुम योजना के नाम पर धन इकट्ठा करके लोगों को ठगने के आरोपी छात्र को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है।

हालांकि, विशेष न्यायाधीश गगनदीप सिंह ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को निर्देश दिया कि यदि जांच एजेंसी आरोपी को गिरफ्तार करने के निष्कर्ष पर पहुंचती है तो वह आरोपी विकास को सात दिन का नोटिस दे। आरोपी ने दावा किया है कि वह नीट परीक्षा की तैयारी करता है।

अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मिली जानकारी के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। शिकायतों में आरोप लगाया गया था कि प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (प्रधानमंत्री-कुसुम योजना) आदि के नाम पर धन इकट्ठा कर लोगों को धोखा देने के लिए ‘जालसाज़ों’ द्वारा दो फर्जी ‘डोमेन’ बनाए गए थे।

सीबीआई ने कहा कि फर्जी वेबसाइट/प्रोग्राम बनाकर ‘जालसाजों’ ने इसे भारत सरकार की योजना होने का दावा करके पूरे भारत में लोगों को धोखा दिया है।

न्यायाधीश ने कहा कि जांच अधिकारी द्वारा दायर जवाब से यह स्पष्ट है कि आरोपी मामले की जांच में शामिल हुआ था और जांच प्राधिकार ने इस स्तर पर केवल नोटिस जारी करके आवेदक के खिलाफ कार्रवाई की है।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘इसलिए, इस स्तर पर, गिरफ्तारी की कोई आशंका नहीं दिखती है। इन परिस्थितियों में, मौजूदा आवेदन को इस निर्देश के साथ निस्तारित किया जाता है कि यदि जांच के दौरान, सीबीआई आरोपी/आवेदक को गिरफ्तार करने के निष्कर्ष पर पहुंचती है, तो उसे सात दिनों का अग्रिम नोटिस जारी किया जाए।’’

न्यायाधीश ने आरोपी को जांच में शामिल होने और जांच अधिकारी को सहयोग करने का निर्देश दिया।

आरोपी द्वारा अग्रिम जमानत का अनुरोध करते हुए दायर अर्जी में दावा किया गया था कि उसे मामले में गिरफ्तारी की आशंका है। याचिका में आरोप लगाया गया था कि यह मामला ‘झूठे और फर्जी तथ्यों’ पर आधारित है।

सीबीआई ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए दावा किया कि मामले में पूछताछ के दौरान एक सह-आरोपी ने आरोपी के नाम का खुलासा किया था।

उसके अनुसार आवेदक के घर पर तलाशी ली गई और दो डिजिटल उपकरणों के अलावा अन्य संबंधित सामग्री जब्त की गई।

भाषा अमित अविनाश

अविनाश

 

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