नयी दिल्ली, 10 मई (भाषा) दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) पी. कृष्णमूर्ति ने कहा कि दिल्ली चुनाव आयोग के पास ‘पेड न्यूज’ और सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए कई तंत्र हैं, हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि विषय सूची की बड़ी मात्रा होने की वजह से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर नजर रखना मुमकिन नहीं है।
कृष्णमूर्ति ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में निर्वाचन आयोग के पक्षपाती होने के आरोपों को भी खारिज कर दिया और कहा कि आयोग ‘समान अवसर’ प्रदान करता है।
अठारहवीं लोकसभा के लिए आम चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने डिजिटल युग में गलत सूचना से निपटने की जटिलता पर ध्यान दिया और कहा कि निर्वाचन आयोग ने गलत सूचना को प्रारंभ में ही रोकने के लिए कुछ उपाय किए हैं।
कुमार ने यह भी कहा था कि आयोग सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों के बारे में स्थिति साफ करने के लिए ‘मिथक बनाम वास्तविकता’ परियोजना शुरू करेगा।
सोशल मीडिया निगरानी के मुद्दे पर उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि दिल्ली चुनाव निकाय के पास ‘पेड न्यूज’ सहित सोशल मीडिया के विभिन्न पहलुओं पर गौर करने के लिए विभिन्न स्तरों पर मीडिया टीम हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास समितियां हैं, जो सोशल मीडिया सहित इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित होने वाले विज्ञापनों को प्रमाणित करती हैं। हमारे पास मुख्य निर्वाचन अधिकारी के स्तर पर एक समिति है और फिर निर्वाचन अधिकारी स्तर पर कई टीम हैं। वे ऑनलाइन प्रकाशित होने वाले विज्ञापनों का पूर्व-प्रमाणन करते हैं।’’
उन्होंने बताया कि नियमों के किसी भी उल्लंघन के लिए ये टीम नियमित रूप से टीवी चैनल, वेबसाइट और समाचार पत्रों की जांच कर रही हैं।
सोशल मीडिया की निगरानी की चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कृष्णमूर्ति ने कहा कि यह बहुत विशाल नेटवर्क माना जाता है।
इस सप्ताह की शुरुआत में आयोग ने दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को गुमनाम राजनीतिक होर्डिंग्स के खिलाफ कार्रवाई करने की याद दिलाई।
सीईओ के कार्यालय को लिखे एक पत्र में, चुनाव अधिकारी ने कहा कि उसे राष्ट्रीय राजधानी में अधिकृत और अनधिकृत स्थानों पर गुमनाम चुनावी होर्डिंग्स के संबंध में राजनीतिक दलों सहित विभिन्न हितधारकों से अभ्यावेदन मिल रहे थे।
कृष्णमूर्ति ने इस पर प्रकाश डालते हुए कहा, ‘जहां तक गुमनाम चीजों का सवाल है, कुछ एजेंसियां हैं, जो उनपर गौर कर रही हैं। व्यक्तियों को निशाना बनाये जाने के मामले में प्रभावित पक्ष शिकायत करते हैं और उन पर कार्रवाई की जा रही है। हाल ही में चुनाव आयोग ने कुछ पोस्ट हटाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को भी कहा है। जहां-जहां उल्लंघन हुआ है वहां कार्रवाई की जा रही है।”
आप ने हाल ही में अपने अभियान गीत ‘जेल का जवाब वोट से देंगे’ को संशोधित करने के लिए कहे जाने के बाद निर्वाचन आयोग पर पक्षपातपूर्ण होने का आरोप लगाया था।
इस तरह के आरोप को खारिज करते हुए कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘कोई कुछ भी कह सकता है। यह एक स्वतंत्र देश है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी है। हम संविधान के अनुसार चलते हैं। हम सुनिश्चित करते हैं कि सभी को एक समान अवसर मिले। किसी के लिए प्राथमिकता का कोई सवाल ही नहीं है। हम पूरी तरह से तटस्थ हैं।’’
दिल्ली की सात सीट पर छठे चरण में 25 मई को मतदान होगा। वोटों की गिनती चार जून को होगी।
भाषा सुरेश रंजन
रंजन
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