तिरुवनंतपुरम, 25 अप्रैल (भाषा) यमन के एक स्थानीय निवासी की हत्या को लेकर मौत की सज़ा का सामना कर रही निमिषा प्रिया से यमनी जेल में 11 साल बाद मुलाकात करना उनकी मां के लिए भावनात्मक पल था।
अपनी बेटी से 24 अप्रैल को जेल में मिलने और उसके साथ कुछ घंटे बिताने के बाद प्रिया की मां प्रेमा कुमारी ने एक वीडियो संदेश में कहा कि उन्हें यकीन नहीं था कि वह अपनी बेटी को देख भी पाएंगी।
प्रेमा ने कहा, “मेरा डर गलत था। मैं उससे मिली। जैसे ही उसने मुझे देखा, वह दौड़कर मुझे मम्मी कहकर मेरे पास आई और मेरे गले लग गई। हम दोनों रोये।”
उनके मुताबिक, प्रिया ने उनसे कहा कि रोना नहीं है और खुश रहना है और सब कुछ ठीक हो जाएगा।
प्रेमा ने कहा, “मैंने उसे इतने सालों के बाद देखा। आखिरी बार मैंने उसे तब देखा था जब मैंने उसकी शादी की थी।”
उनके अनुसार, उन्होंने अपनी बेटी के साथ जेल में कुछ वक्त बिताया और दोनों ने साथ बैठकर खाना भी खाया।
प्रेमा ने कहा कि ईश्वर की कृपा है और यमन की सरकार की मेहरबानी से उनकी बेटी ठीक है।
उनकी यमन की यात्रा की व्यवस्था ‘सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल काउंसिल’ ने की थी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले साल दिसंबर में प्रेमा कुमारी को अरब देश जाने की इजाजत दे दी थी, ताकि वह अपनी बेटी को मौत की सज़ा से बचाने के लिए पीड़ित परिवार से ‘ब्लड मनी’ (पीड़ित परिवार को पैसा देकर सजा माफ करवाना) पर बातचीत कर सकें।
यमन के उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल 13 नवंबर को निमिषा प्रिया की मौत की सजा के खिलाफ अपील खारिज कर दी थी। प्रिया यमन में नर्स के तौर पर काम कर रही थी।
प्रिया को तलाल अब्दो महदी की जुलाई 2017 में हुई हत्या का दोषी ठहराया गया है। उसने तलाल के कब्जे से अपना पासपोर्ट वापस लेने के लिए उसे बेहोशी का इंजेक्शन लगाया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी।
भाषा
नोमान सुरेश
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