नयी दिल्ली, तीन मई (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम.वीरप्पा मोइली ने शुक्रवार को नरेन्द्र मोदी सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वह लोकसभा चुनाव अपने 10 साल के कामकाज पर लड़ने के बजाय बयानबाजी पर लौट रही है।
मोइली ने दावा किया कि राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) की आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) रिपोर्ट से जानकारी मिलती है कि बेरोजगारी दर 45 साल के उच्चतम स्तर पर है। उन्होंने कहा कि सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) का कहना है कि 20-24 आयु वर्ग में बेरोजगारी दर 2023 की अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही में 44.5 प्रतिशत थी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एक बयान में आरोप लगाया, ‘‘ मोदी के ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के नारे के बावजूद, उनके 10 साल के शासन में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े हैं।’’
मोइली ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि देश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या 2014 में 3,37,922 से बढ़कर 2020 में 3,71,503 हो गई।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘इस दावे के बावजूद कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है, हमारी विकास दर 2004-14 की संप्रग (कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार) की अवधि के दौरान 6.7 प्रतिशत (नयी श्रृंखला के तहत) के औसत से गिरकर 2014-24 के दौरान औसतन 5.9 प्रतिशत रह गई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह के शासन में भारत की आजादी के बाद से अब तक 2010-11 में 10.03 प्रतिशत की उच्चतम जीडीपी वृद्धि हुई और उनके 10 साल के शासनकाल में 7.5 प्रतिशत से अधिक की औसत जीडीपी वृद्धि दर बनी रही। नरेन्द्र मोदी अपने शासन के एक दशक में इस लक्ष्य को हासिल नहीं कर सके।’’
मोइली ने दावा किया कि किसानों के कर्ज में चिंताजनक वृद्धि हुई है, जिसके परिणामस्वरूप वे आत्महत्या कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह चिंता का विषय है कि मोदी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के अपने वादे को पूरा करने में विफल रही है। डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में संप्रग ने किसानों का 77,000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया था। मोदी ने पीड़ित किसानों को सांत्वना देने के लिए कुछ नहीं किया है।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि एम. एस. स्वामीनाथन समिति की सिफारिश के अनुसार फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के वैधानिक समर्थन की किसानों की मांग को भी नजरअंदाज कर दिया गया है।
भाषा धीरज वैभव
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